Emojis: इमोजी हुए अब जेंडर सेंसटिव, मजबूत फिलिंग्स के जरिए अब लोगों तक पहुंचाएं अपनी बात
अब आपको इमोजी में मुंह बनाना, अंगड़ाई लेना, जूते मारना, मुक्का मारना और दूसरे इशारों के अलावा अब आपकी फिलिंग्स को शामिल किया गया है.
नई दिल्ली: इमोजी एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल स्मार्टफोन यूजर्स अपनी बात को शॉर्टफॉर्म में कहने के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अब ये भी बदल रहा है जहां इस साल के अंत तक तकरीबन 200 से ज्यादा इमोजी को आपके फोन में शामिल किया जाएगा यानी की अब आप इमोजी से सिर्फ इशारा ही नहीं बल्कि अपनी भावनाओं को भी जाहिर कर सकते हैं. इस साल पीरियड्स बल्ड, अंतरजातीय जोड़ें और दूसरे कई भावनाओं वाले इमोजी को शामिल किया जाएगा.
पिछले हफ्ते द यूनिकोड कंसोर्टियम यानी की एक ऐसी संस्था जो इमोजी को बनाती और फिर उसे रोलआउट करती है उसने कुल 59 नए इमोजी का एलान किया जो आपके स्मार्टफोन में दिए जाएंगे. इनमें कुल 171 वेरिएंट्स को शामिल किया गया है जिसमें लिंग, त्वचा का रंग और दूसरी चीजों को जोड़ा गया है. जिससे कुल इमोजी की संख्या 230 होती है. लेकिन आखिर इसमें नया क्या है. नया ये है कि अब आपको इमोजी में मुंह बनाना, अंगड़ाई लेना, जूते मारना, मुक्का मारना और दूसरे इशारों के अलावा अब आपकी फिलिंग्स को शामिल किया गया है. तो चलिए नजर डालते हैं कि साल 2019 में किन इमोजी को किया जाएगा शामिल.
लैंगिक समानता: खून का एक बूंद जिससे महिलाएं अब आसानी से पीरियड्स को अभिव्यकत कर पाएंगी.
विकलांगता: मैकेनिकल हाथ, मैकेनिकल पांव, हियरिंग एड के साथ कान, बधिर व्यक्ति, व्हीलचेयर पर महिला और पुरूष, गाइडिंग कुत्ता, मैनुअल और मोटोराइज्ड व्हीलचेयर्स.
नॉन- मेनस्ट्रीम कप्लस: अंतरजातीय जोड़ा और नॉन बायनरी/जेंडर न्यूट्रल कपल्स. इसमें उन 4 इमोजी को शामिल किया गया है जहां लोगों ने एक दूसरे के हाथ पकड़े गुए हैं. तो वहीं अलग अलग स्किन कलर को भी जोड़ा गया है जो कुल मिलाकर 71 नए वेरिएंट्स हैं.
सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व: हिंदू मंदिर, ऑटोरिक्शॉ, वन पिस स्विमसूट, वेफल और बटर और दक्षिम अमेरिकन ड्रिंक और दूसरी चीजें.
इन सभी नए इमोजी को इस साल के सितंबर या अक्टूबर के महीने में रोलआउट कर दिया जाएगा.
इन इमोजी को इसलिए भी शामिल किया गया है कि क्योंकि कई यूजर्स ने इस बात का डिमांड किया था जहां बार बार ये कहा जा रहा था कि इस दुनिया में कई तरह के लोग है लेकिन उनके लिए एक ही तरह की इमोजी है. जहां आप अपनी बात को सही ढंग से नहीं रख सकते. मान लीजिए एक समलैंगिक या फिर एक विकलांग व्यक्ति अपनी बात कहना चाहता है लेकिन उसके पास उसकी बात रखने के लिए कोई इमोजी नहीं है. ऐसे वक्त में इन नए इमोजी की मदद से वो व्यक्ति अपनी बात को किसी दूसरे के सामने विस्तार से रख सकता है.
चलिए पीरियड्स के बारे में बात करते हैं
अभी तक पीरियड्स के बारे में बताने के लिए लड़कियां जो इमोजी इस्तेमाल करती होंगी, निश्चित तौर पर वे उतने सटीक नहीं होते होंगे. उन्हें हमेशा केवल पीरियड्स को शो करने वाली एक इमोजी की जरूरत महसूस होती रहती थी. अब उनके लिए खुशखबरी है कि पीरियड्स की इमोजी आ चुकी है. वोग पत्रिका ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है, "55 हजार से भी ज्यादा लोगों ने पीरियड इमोजी की मांग की थी. महिला अधिकार के लिए काम करने वाली संस्था ग्लोबल गर्ल्स राइट्स चैरिटी प्लान इंटरनेशनल यूके ने इस मांग का नेतृत्व किया था."
इस संस्था की हेड लूसी रसेल ने कहा कि इस इमोजी को शामिल करने से दुनिया भर की 80 करोड़ महिलाएं हर महीने महसूस करने वाले पीरियड्स को आसानी से अभिव्यक्त कर पाएंगीं और इससे पीरियड्स के इर्द-गिर्द बना स्टिग्मा टूटेगा.
आईए नजर डालते हैं कि कैसे साल 2015 से लेकर अबतक इमोजी में कितना बदलाव आया है.
2019: विकलांगता से पहुंच तक
ये आपको थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो लोग विकलांग हैं वो टेक्नॉलजी का भी इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में नए इमोजी का इन लोगों ने जोरदार स्वागत किया है क्योंकि वो अपनी बात अब खुलकर कर सकते हैं. इस बात को तब नजर में लाया गया जब कुछ लोगों ने शिकायत की कि, विकलांग लोगों के लिए फिलहाल कोई ऐसी इमोजी नहीं है जिससे वो अपनी बात को कह सके. इसके बाद मार्च में इस बात पर गौर किया गया जहां अब जाकर इसे शामिल किया गया है.
साल 2016: महिलाओं को मिली एक अलग पहचान
साल 2016 के जून में महिलाओं को एक अलग पहचान मिली जहां उन्हें राजकुमार, मदर क्रिस्टमस, डांसिंग डूड और एक दूल्हा मिला. लेकिन इसके ठीक एक महीने बाद जेंडर गैप कम हुआ जब पुरूषों को भी डॉक्टर, वकील और पुलिस वाला इमोजी मिला. तो वहीं महिलाओं की इमोजी की सूची में भी ठीक इसी तरह के नए इमोशन शामिल किए गए.
साल 2016 से पहले
उस समय रॉक क्लाइम्बिंग, बाइकिंग, बास्केटबॉल, सर्फिंग और दूसरी चीजों को पुरूष इमोजी के जरिए परफॉर्म करते हुए दिखाया गया था. वहीं महिलाओं के लिए डांसर, रानी, दुल्हन, हेयरकट रेसिपेंट, डांसर्स और दूसरे इमोजी को शामिल किया गया था. यानी की साल 2016 तक महिलाओं के पास इमोजी के ज्यादा ऑप्शन नहीं थे तो वहीं 2009 तक सिर्फ पुरूष के ही इमोजी थे. लेकिन इस बीच कई इमोजी में बदलाव किया गया जहां महिलाओं और पुरूष दोनों को शामिल किया गया. इसमें रंगों में भी बदलाव किया गया.
साल 2015: एक ही रंग और लिंग के कपल्स
दरअसल इस साल इमोजी के रंग एक ही तरह के थे जिसके बाद कई यूजर्स ने ये कहा कि इन रंगों में बदलाव किया जाए. इसके बाद यूजर्स को 5 स्किन टोन दिए गए जिसमें से यूजर्स अपना रंग चुन कर इमोजी को भेज सकते थे. इसी साल एक ही लिंग के जोड़े और परिवार वालों को दिखाया गया.
साल 2017
महिलाओं को हेडस्कॉर्फ मिला. इसकी मांग 16 साल की Rayouf Alhumedhi ने की थी. उन्होंने कहा था कि, ' मैं और मेरे दोस्त एक ग्रुप चैट बना रहे थे. लेकिन मुझे दिखाने के लिए मेरे पास कोई ऐसा इमोजी नहीं थी. मुझे लगता है कि जब इस इमोजी को शामिल किया गया तो हमें एक अलग पहचान मिली.
साल 2018
फ्लैट शू की एंट्री. दरअसल यहां पर इससे पहले महिलाओं के लिए कोई जूती नहीं थी लेकिन Florie Hutchinson प्रस्ताव के बाद महिलाओं के लिए फ्लैट शू को शामिल किया गया.
साल 2019
वन पीस बाथिंग सूट को शामिल किया गया है जहां आप इसकी मदद से अपनी बात कह सकते हैं. Florie Hutchinson ने इसके लिए भी कैंपेन चलाया था. ये उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जो स्विमिंग या फिर बीच पर जाते हैं. इसका सीधा मकसद लोगों को लुभावना के बदले ये सारे काम करना हैं