नई दिल्ली: प्रमुख सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने अपने यूजर्स को फर्जी खबरों के प्रति आगाह करते हुए आज कहा कि इस समस्या से मिलकर ही निपटा जा सकता है.

कंपनी ने इस बारे में आज प्रमुख अखबारों में पूरे पन्ने का एक विज्ञापन छपवाया है जिसे फर्जी खबरों के खिलाफ उसके अभियान और इसको लेकर लोगों को जागरुक बनाने की पहल के रूप में देखा जा रहा है. फेसबुक ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जबकि सोशल मीडिया विशेषकर फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए फर्जी झूठे समाचार, सूचनाएं फैलाए जाने को लेकर खासी चिंता जताई जा रही है. व्हाटसएप भी अब फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी है.

इस विज्ञापन में सिर्फ फेसबुक का प्रतीक चिन्ह है और इसका संदेश है, हम मिलकर झूठी खबरों को सीमित कर सकते हैं. फेसबुक का कहना है कि वह झूठी खबरों के प्रसार पर लगाम लगाने की दिशा में काम कर रही है. साथ ही वह लोगों को काबिल बनाना चाहती है कि वे झूठी फर्जी खबरों की पहचान कर सकें.

कंपनी ने यूजर्स व पाठकों को सलाह दी है कि किसी भी खबर पर भरोसा करने से पहले उसके बारे में जांच पड़ताल कर ली जाएगी. इसमें यह भी बताया गया ​है कि आमतौर किस तरह की खबरें फर्जी या झूठी होती हैं.

इन टिप्स के जरिए आप भी पहचान सकते हैं 'फेक या फर्जी न्यूज' को

1. मिसलीडिंग और कैची हेडलाइंस-फेक न्यूज के लेखक आमतौर पर 'कैप्स' में हेडलाइन बनाते हैं और अगर हेडलाइन में 'शॉकिंग' या 'अनबिलिविबल' जैसे शब्दों का इस्तेमाल हो तो उस खबर के फर्जी होने की संभावना होती है.

2. यूआरएल जांचे- कई वेबसाइट्स अधिकृत वेबसाइट्स से यूआरएल कॉपी करके उसमें मामूली बदलाव करके नया यूआरएल बनाके फेक खबर बनाने की कोशिश करती हैं.

3. खबर के सोर्स को जांचे- खबर कितनी सही है ये जानने के लिए आप इसके सोर्स को जांच सकते हैं.

4. खबर की फॉर्मेटिंग को देखें- फर्जी खबरों की फॉरमेटिंग आमतौर पर असमान्य लेआउट के साथ और कई सारी मात्राओं, शब्दों की गलतियों के साथ होती है.

5. गलत इमेज का इस्तेमाल- अक्सर फेक न्यूज वाली खबरों में गलत या भ्रमित करने वाली इमेज (तस्वीर) का इस्तेमाल किया जाता है.