नई दिल्लीः यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में कंप्यूटर वायरस के हमले की खबर ने सभी को हैरत में डाल दिया है. यूरोप, अमेरिका, चीन और रूस में कई जगह कंप्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया है. हमले के लिए रेनसमवेयर नाम के वायरस को जिम्मेदार माना जा रहा है. ब्रिटेन की नेशनल हेल्थसर्विस रेनसमवेयर से बुरी तरह प्रभावित हुई है इसके साथ 74 देशों में हजारों संस्थाओं के नेटवर्क ने काम करना बंद कर दिया है.


क्या है रेनसमवेयर?
रेनसमवेयर एक तरह का साइबर अटैक है. जो यूजर के कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर पूरी तरह कंट्रोल कर लेता है और इसके बाद ये वायरस यूजर से पेमेंट की डिमांड करता है. इस वायरस में अटैकर्स डिवाइस (स्मार्टफोन या कंप्यूटर) में कई नुकसान पहुंचाने वाले सॉफ्टवेयर बिना आपको जानकारी हुए डाउनलोड कर देता है. और इसके जरिए यूजर की जानकारी और डेटा इंक्रीप्ट कर देता है. इसके बाद हैकर यूजर को फाइल और डेटा एक्सेस ब्लॉक करने की धमकी देता है और ऐसा ना करने के बदले यूजर से बतौर फीस 0.3 से 1 बिटक्वाइन तक की मांग करता है. जिसकी कीमत 400 यूरो से लेकर 1375 यूरो तक होती है. बिटक्वाइन एक तरह की करेंसी है जो ज्यादातर यूरोपी देशों और अमेरिका में चलती है. आपको बता दें कि बिटक्वाइन वर्चुअल करेंसी है जो डिजिटल ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल होता है.

इस तरह के अटैक ज्यादातर बिजनेस नेटवर्क पर ही होते हैं व्यक्तिगत डेटा या नेटवर्क पर आमतौर पर ऐसे साइबर अटैक नहीं होते. हम आपको बता रहे हैं वो उपाय जिसकी मदद से आप इस तरह के साइबर अटैक से बच सकते हैं.

फाइलों का करें बैकअप
रेनसमवेयर वायरस से सबसे ज्यादा नुकसान डेटा, डाक्यूमेंट, तस्वीरों को पहुंचाते हैं. ऐसे में सबसे अच्छी सुरक्षा है कि आप बैकअप बनाएं. याद रखें कि ये बैकअप किसी इंटरनेट का इस्तेमाल करके ना बनाया गया हो और किसी हार्ड ड्राइव और डिवाइस पर ही किया जाए. इससे आपका अटैक के बाद भी डेटा गायब नहीं होगा.

किसी भी लिंक और एप को ना करें क्लिक
रेनसमवेयर में सबसे पहले हैकर डिवाइस में कुछ ऐसे एप डाउनलोड करता है जिसके जरिए वह फाइल को इंक्रीप्ट कर सके. ऐसे में कई बार ब्राउज़ करते वक्त कुछ ऐसे पॉप-अप लिंक सामने आते हैं और हम ज्यादा ध्यान ना देते हुए  क्लिक कर देते हैं. ऐसा कतई ना करें कोई भी लिंक जिसपर भी संदेह हो या आप उस लिंक के बारे में ना जानते हों तो ऐसा बिलकुल ना करें. इसके अलावा किसी भी एप के डाउनलोड से पहले उसके डेवलपर ग्रुप और रेटिंग , यूजर्स रिव्यू जरुर पढ़ें. ऐसा करके आप प्राइमरी कदम पर ही इस तरह की हैकिंग से बच सकते हैं.

एंटी वायरस का इस्तेमाल

किसी भी कंप्यूटर या स्मार्टफोन में एंटी वायरस का रखना बेहद जरुरी है. एंटी वायरस रेनसमवेयर से बचने में आपकी मदद कर सकता है. एंटी वायरस ये आराम से पहचान सकता है कि किस फाइल में रेनसमवेयर वायरस हो सकता है और इसे इंस्टॉल होने से पहले आपको जानकारी दे सकता है. ऐसे में गुपचुप तरीके से इंस्टॉल होने वाली खतरनाक लिंक और एप से आप बच जाते हैं.
कभी रेनसमवेयर के लिए ना करें भुगतान
कभी भी रेनसमवेयर के लिए मांग की जाने वाली राशि का भुगतान ना करें. ऐसा करने से हैकर्स की दुनिया और साइबर क्राइम को बढ़ावा मिलता है. और ऐसा पूरी तरह संभव है कि भुगतान के बाद भी आप अपनी फाइल और डेटा  एक्सेस ना  कर सकें. अगर आपके पास बैकअप हैं तो आप अपने डिवाइस को आसानी से पा कर सकते हैं.