नई दिल्ली: इंटरनल सिक्योरिटी डिवीजन चीफ अशित मोहन प्रसाद उस समय साइबर अटैक के चंगुल में फंस गए जब दो अपराधी उनके अकाउंट से कुछ मिनटों में 2 लाख रुपये चट कर गए. ये सबकुछ उनके डेबिट कार्ड की डिटेल्स की मदद से हुआ.


प्रसाद, साल 1985 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं. फिहाल प्रसाद ने साइबरक्राइम पुलिस थाने में इसकी शिकायकत की है जहां क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट इसकी छानबीन कर रही है. दरअसल प्रसाद को सोमवार को दोपहर 3 बजे एक अंजान नबंर से कॉल आया जहां फोन के दूसरी छोर पर कोई अपने आप को बैंक एग्जिक्यूटिव बता रहा था. अधिकारी ने प्रसाद से कहा कि उनके डेबिट कार्ड की अवधि खत्म होने वाली है जिसको लेकर उन्हें रिएक्टिवेट करवाना होगा. प्रसाद ने ये बात सुनते ही अपराधियों के अपने कार्ड की सारी डिटेल सौंप दी. जिसके 1 मिनट बाद उनके फोन पर एक मैसेज आया जहां लिखा हुआ था कि, ' आपके अकाउंट से 1 लाख रुपयों का ट्रांस्फर हुआ है.' तकरीबन 4 बजे प्रसाद को पता चला कि वो किसा फ्रॉड में फंस चुके है.


रिपोर्ट के अनुसार उस दिन इन अपराधियों ने कुल 27 लोगों को टारगेट किया था जहां कुछ बच गए लेकिन कई इनके जाल में फंस गए. बता दें कि प्रसाद दूसरे ऐसे डीजीपी हैं जिनके साथ ऐसा हुआ है. साल 2015 में डीजीपी ओम प्रकाश को भी कुछ साइबर चोरों ने 10,000 रुपये का चुना लगाया था.