नई दिल्लीः हाल ही में सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है और अब इसके बाद सरकार प्रीपेड या पोस्टपेड मोबाइल नंबर के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य करने की तैयारी में है. ऐसा करना सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए जरुरी होगा. IndiaToday की रिपोर्ट के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को नोटिस जारी किया है.


रिपोर्ट के मुताबिक इस नोटिस में कहा गया है कि 'देश के सभी नंबरों को दोबारा से e-KYC प्रक्रिया के जरिए वैरिफाई करना होगा. जो भी नंबर वैरिफाई नहीं होगा या आधार से लिंक नहीं होगा तो वह नंबर 6 फरवरी 2018 के बाद भारत में गैरकानूनी होगा.'


सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
ये फैसला हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के केंद्र सरकार को दिए गए निर्देश को देखते हुए लिया गया है. कोर्ट ने कहा था कि क्रेंद देश में जल्द ही प्रीपेड मोबाइल नंबरों का वेरिफिकेशन शुरू करे. उपभोक्ता के सही पाए जाने पर ही नंबर जारी रखने दिया जाए. इस वक्त केंद्र की तरफ से एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया था कि पोस्ट पेड मोबाईल उपभोक्ताओं की पहचान में कोई समस्या नहीं है. लेकिन 90 फीसदी से ज़्यादा नंबर प्रीपेड हैं. इन सबको वेरीफाई किया जाएगा.हालांकि, अगर इस काम में ज़्यादा तेज़ी दिखाई गयी तो इससे काफी असुविधा होगी. रिचार्ज करने वाली दुकानों के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगने लगेगी.

चीफ जस्टिस जे एस खेहर और एन वी रमना की बेंच ने केंद्र की दलीलों को स्वीकार किया था. कोर्ट ने कहा था कि लोगों को अपनी पहचान साबित करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए. सरकार इस बात की कोशिश करे कि सारी प्रक्रिया एक साल के भीतर पूरी हो जाए.