नई दिल्ली: अगर आप चाहते हैं कि कोई आपका पर्सनल मैसेज न पढ़े या फिर आपका फोन हैक न करे तो जल्द से जल्द अपने आईफोन और एंड्रॉयड डिवाइस को अपडेट कर लें. क्योंकि एक वायरस स्मार्टफोन के ब्लूटूथ को प्रभावित कर रहा है जिससे कई लाखों स्मार्टफोन साइबर क्रिमिनल्स की पहुंच में है.


CERT एक अमेरिका की कंप्यूटर इमेरजेंसी टीम है जिसका मानना है कि अगर एपल, गूगल, इंटेल जैसे डिवाइस के हार्डवेयर को अपडेट नहीं किया गया तो इनके हैक होने का खतरा सबसे ज्यादा है.  रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि जब एक डिवाइस किसी दूसरे डिवाइस से ब्लूटूथ के जरिए कनेक्ट होता है और फाइल को शेयर या ट्रांसफर किया जाता तब डिवाइस के हैक होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.


इसकी जानकारी तब मिली जब पता चला कि डेटा शेयर करते समय एक 'की' (चाबी) खो गई है जो डिफ्फी हेल्लमैन की एक्सचेंज में मौजूद नहीं थी. लेकिन ब्लूटूथ स्टैंटर्ड के हिसाब से इस चाबी की जरूरत किसी को नहीं है जिसकी वजह से हैकर्स के लिए ये एक खुला मैदान है जहां वो आपके डिवाइस को हैक कर आपकी सारी जानकारी ले सकते हैं.


क्या है Diffie-Hellman (ECDH) key exchange?


ये एक ऐसा चैनल होता है जो दो पार्टियों यानी की दो डिवाइस के पास ये अधिकार होता है कि वो एक प्राइवेट चैनल यानी की ब्लूटूथ की मदद से फाइल और डेटा शेयर कर सकते हैं. इसे हम KEY यानी की चाबी के नाम से जानते हैं.


इस जानकारी के बाद अब कंपनियां अपनी सिक्योरिटी पैच को फिक्स करने में जुट गई है. एपल में पहले ही MacOS को अपडेट कर दिया है तो वहीं आईफोन के लिए iOS 11.4 को भी अपडेट कर दिया है. इंटेल की अगर बात करें तो कंपनी ने विंडोज 7, 8.1 और 10 के ब्लूटूथ ड्राइवर्स को अपडेट कर दिया है.


गूगल की अगर बात करें तो कंपनी ने कहा है कि हैकर्स को देखते हुए हमने भी क्रोमOS और एंड्रॉयड को अपडेट करना शुरू कर दिया है. तो अगर आपने भी अभी तक अपना स्मार्टफोन नए वर्जन में अपडेट नहीं किया है तो कर लें क्योंकि ब्लूटूथ शेयरिंग के दौरान ज्यादा संभावना है कि आपका डिवाइस हैक हो सकता है.