नयी दिल्ली: टेलिकॉम कंपनियां- भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ने मोबाइल नेटवर्क टेस्ट मैन्युअल में सुधार को लेकर ट्राई के हाल में जारी किए गए दस्तावेज की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया है और कहा है कि यह कदम रिलयांस जियो से जो नुक्सान हुआ है, उसकी लीपा पोती है. वैसे मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने इन आरोपों का खंडन किया है. सफाई में कहा गया कि इन कंपनियों ने हालिया नियमों के साफ होने के बावजूद नेटवर्क टेस्ट को लेकर एक ऐसा मुद्दा खड़ा किया जिसका कोई मतलब नहीं है. आगे कहा गया कि अभी जो चल रहा है उसकी सभी अस्पष्टताओं को दूर करना जरूरी है.
भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ने जीएसएम सर्विस कंपनियों के मंच सीओएआई के बैनर तले अगस्त 2016 में आरोप लगाया था कि रिलायंस जियो चेस्ट कनेक्शन की आड़ में पूरी सेवाएं देकर नियमों का उल्लंघन कर रही है और कंपनियों ने टेलिकॉम डिपार्टमेंट से रिलायंस जियो के 15 लाख ग्राहकों को दिये गये सभी कनेक्शनों को तत्काल बंद करने का अनुरोध किया था. उस वक्त जियो टेस्ट के तौर पर फ्री अनलिमिटेड 4 जी डाटा सर्विस और वॉयस कॉल दे रही थी.
रिलायंस ग्रुप की कंपनी ने पांच सितंबर, 2016 को अपनी वाणिज्यिक (Commercial) सर्विस शुर की थी. रिलायंस जियो ने इन आरोपों को दुर्भावनापूर्ण, बेबुनियाद और गलतफहमी करार दिया था. भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और रिलायंस जियो के बीच टकराव के बाद टेलिकॉम डिपार्टमेंट और ट्राई के बीच पत्रों के माध्यम से बातचीत हुई.
ट्राई ने नेटवर्क टेस्ट मैन्युअस में सुधार के लिए इस साल एक मई को डॉक्यूमेंट जारी किया. इस डॉक्यूमेंट को लेकर एयरटेल ने ट्राई से कहा है कि अभी जो चल रहा है उसमें कोई अस्पष्टता नहीं है और इस परामर्श पत्र (Consultation paper) का कोई मतलब नहीं है क्योंकि नुकसान तो पहले ही हो चुका है. एयरटेल ने कहा कि वर्तमान नियम साफ तौर पर कहते हैं कि ग्राहकों के रजिस्ट्रेशन को सर्विस की वाणिज्यिक (Commercial) शुरआत से पहले इजाजत नहीं मिलनी चाहिए और रेग्युलेटर इन नियमों के उल्लंघन के आधार पर स्वत: संज्ञान (suo moto) लेकर कार्वाई नहीं की. एयरटेल ने कहा कि नयी कंपनी ने इन दिशानिर्देशों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया. हम इस बात से दंग है कि नयी कंपनी के खिलाफ कार्वाई करने के बजाय ट्राई ने इस मुद्दे पर परामर्श पत्र जारी कर दिया.