Jio ने रविशंकर प्रसाद को लिखा खत-कहा, COAI दे रही है गलत जानकारी, टेलीकॉम कंपनियां बकाया चुकाने में पूरी तरह सक्षम
टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी लिखकर रिलायंस जियो ने आज इस बात पर जोर दिया है कि जिन कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने वैधानिक बकाया चुकाने के लिए कहा गया है उनके पास पर्याप्त आर्थिक क्षमता है कि वो अपने देनदारियों को चुका सकें.
नई दिल्लीः रिलायंस जियो ने गुरुवार को संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद को पत्र लिख कर आगाह किया कि सरकार एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के ब्लैकमेल के आगे ना झुके और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ही सरकार इन कंपनियों से बकाया वसूल करे. COAI के खत का हवाला देते हुए जियो ने कहा कि सीओएआई एयरटेल और वोडा-आइडिया के हाथों की कठपुतली बन चुका है. इन दोनों कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सीओएआई टेलीकॉम इंडस्ट्री की झूठी तस्वीर पेश कर रहा है. रिलायंस जियो ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार टेलीकॉम कंपनियों से बकाया 93 हजार करोड़ रुपये समय से वसूले जाएं.
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बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सीओएआई ने सरकार से एयरटेल और वोडा-आइडिया को राहत देने के लिए खत लिखा था. कम्युनिकेशन मिनिस्टर को लिखे खत में जियो ने कहा है कि वो सीओएआई के इस तर्क से सहमत नहीं हैं कि यदि सरकार ने इन कंपनियों की मदद नही की तो टेलीकॉम सेक्टर ध्वस्त हो जाएगा. जियो ने आरोप लगाया कि सीओएआई अपनी बात साबित करने के लिए धमकी भरे लहजे का इस्तेमाल कर रहा है. सरकार को इस तरह की धमकियों के आगे नहीं झुकना चाहिए.
रिलायंस जियो ने आज टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी लिखकर इस बात पर जोर दिया है कि जिन फर्म को सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने वैधानिक बकाया चुकाने के लिए कहा गया है उनके पास पर्याप्त आर्थिक क्षमता है कि वो अपने देनदारियों को चुका सकें. इस तरह जियो कंपनी ने साफ तौर पर टैक्सपेयर्स के पैसे से टेलीकॉम कंपनियों को बेलआउट पैकेज देने का विरोध किया है. इसने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) को निशाने पर लेते हुए कहा है कि इसने टेलीकॉम सेक्टर में आर्थिक संकट को लेकर सरकार को एकतरफा पत्र लिखा है और ये सरकार से राहत पाने के लिए ब्लैकमेलिंग का रास्ता अपना रही है.
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जियो ने रविशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में कहा है कि प्रभावित होने वाले टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के पास पर्याप्त आर्थिक क्षमता है जिससे वो सरकार का बकाया चुका सकें. इसके लिए कंपनियां अपने मौजूदा ऐसेट और निवेश को मॉनेटाइज कर सकती हैं और अपनी ताजा इक्विटी का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.
जियो ने कहा कि वो इस बात का पूरी तरफ से विरोध करती है जिसके तहत सीओएआई ने कहा है कि अगर सरकार टेलीकॉम सेक्टर को फौरी राहत नहीं देती है तो टेलीकॉम सेक्टर चरमरा जाएगा. वहीं सीओएआई ने ये भी कहा है कि टेलीकॉम सेक्टर में अभूतपूर्व संकट देखा जाएगा क्योंकि दो या तीन प्राइवेट ऑपरेटर्स को भयानक आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा. जियो ने इससे भी असहमति जताई है.
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रिलायंस जियो का कहना है कि एयरटेल और वोडा-आइडिया सक्षम कंपनियां है. यह भारत और विदेश सहित कई देशों में अनेकों लाभदायक धंधे करती हैं. भारत में ही इन कंपनियों ने बहुत पैसा कमाया है. अब जब सुप्रीम कोर्ट ने बकाया भुगतान का आदेश पारित कर दिया है तो उन्हें मुकरना नहीं चाहिए. रिलायंस जियो ने सुझाव दिया कि भुगतान के लिए वे अपने लाभप्रद धंधों का कुछ हिस्सा बेच कर सरकारी बकाए को आसानी से चुका सकती हैं.
पत्र में रिलायंस जियो ने आरोप लगाया कि एयरटेल और वोडा-आइडिया ने अपने निवेशकों का भरोसा भी तोड़ा है. जब कंपनियों को एजीआर के बकाया पर सरकार, रेगुलेटर और सुप्रीम कोर्ट का रुख मालूम था तो कंपनियों ने बकाया को चुकाने का अग्रिम प्रावधान क्यों नही किया. इसके विपरीत कंपनियां अपने रूख पर ही अड़ी रहीं और अपने हिसाब से सरकार को भुगतान करती रहीं. वित्तीय हालात खराब होने का दावा करने वाली ये कंपनियां दरअसल अपने ही खराब ऑपरेशनल फैसलों का शिकार हैं.
रिलायंस जियो ने सीओएआई और एयरटेल, वोडा-आइडिया के खराब वित्तीय हालात के बयान को पूरी तरह नकार दिया. रिलायंस जियो ने आरोप लगाया कि इन कंपनियों ने भारत में पैसा तो खूब बनाया पर नए निवेश से कन्नी काटती रहीं. यही वजह है कि आज यह कंपनियां पिछड़ी नजर आती हैं. इन कंपनियों के खराब कमर्शियल फैसलों का खमियाजा सरकार को नही भुगतना चाहिए.
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