नई दिल्ली: फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि इंटरनेट को नियंत्रित रखने के लिए सरकारें ज्यादा सक्रिय भूमिका अदा करें. उन्होंने यूजर्स की निजता के मामले में यूरोपियन देशों के नियमों को बेहतर बताया. उनका कहना था कि अन्य देशों को भी यूरोप के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन ( जीडीपीआर) कानून का अनुशरण करना चाहिए. अभी तक जुकरबर्ग और इंटरनेट की अन्य कंपनियां सरकारों के ज्यादा दखल पर विरोध जताती रही हैं, लेकिन फेसबुक ने अभी अपना रुख बदल लिया है.


चार नियमों में बदलाव होः जुकरबर्ग




  • द वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित ओ-पेड में उन्होंने शनिवार को लिखा कि इंटरनेट के नियमों को अपडेट करने के बाद हम अपना बेहतर योगदान दे सकते हैं. इसके जरिए लोगों को अपने विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देने के साथ उद्यमियों को नई चीजें बनाने का मौका मिलेगा.

  • फेसबुक संस्थापक का कहना है कि हार्मफुल कंटेंट, प्रोटक्शन ऑफ इलेक्शन, प्राइवेसी और डाटा पोर्टेबिलिटी के मामले में नए नियम बनाने की जरूरत है. हालांकि, फेसबुक इन चारों मामलों में कोई न कोई विवाद खड़ा कर चुकी है.

  • कंपनी पर यूजर्स का निजी डेटा बेचने के साथ हेट स्पीच को बढ़ावा देने का आरोप लग चुका है. यही नहीं न्यूजीलैंड में हुए आतंकी हमले का लाइव वीडियो भी सोशल मीडिया कंपनी को कटघरे में खड़ा कर चुका है.

  • जुकरबर्ग का कहना है कि हार्मफुल कंटेट के मामले में वह सांसदों के उस सुझाव का समर्थन करते हैं, जिसमें थर्ड पार्टी के दखल की बात कही गई है. चुनावों के बारे में उनका कहना है कि अभी तक चुनाव पार्टी और उम्मीदवार पर केंद्रित होते हैं, जिससे दखल की संभावना बढ़ जाती है.