नई दिल्ली: ''एलेक्सा तुम्हें किसने बनाया है? मुझे एमेजन ने बनाया है.'' एलेक्सा से जब आप ऐसा कोई सवाल पूछेंगे तो उसका जवाब यही होगा. लेकिन एलेक्सा इस बात को कभी नहीं बोलती कि 5 साल पहले उस प्लास्टिक जैसे दिखने वाले डब्बे में अगर किसी ने जान भरी थी वो झारखंड के रांची के रहने वाले इंजीनियर रोहित प्रसाद थे.
साल 2017 के अगर उन 100 लोगों की सूची पर नजर डालें जिन्होंने टेक, बिजनेस और मीडिया के फील्ड में नाम कमाया था उसमें प्रसाद और उनके साथ टोनी रीड का नाम 15वें स्थान पर आता है. जेफ बेजोस, सुसन फॉउलर, मार्क जुकरबर्ग, टिम कुक, सुंदर पिचाई इस लिस्ट में बाकी के 14 लोग हैं.
कौन हैं रोहित प्रसाद?
भारत में जन्में रोहित प्रसाद को 100 सबसे क्रिएटिव लोगों की सूची में 9वां स्थान मिला था. ये साल 2017 का आंकड़ा है. प्रसाद ने डीएवी हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई की है आईआईटी रुड़की और बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से इंजिनियरिंग करने का उनके पास विकल्प था. लेकिन उन्होंने आईआईटी की बजाए बिड़ला को चुना. साल 1997 में उन्होंने अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्युनिकेशन इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने अमेरिका के लिनॉइस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियरिंग की पढ़ाई की. यहां उन्होंने वायरलेस ऐप्लिकेशन्स के लिए लो बिट रेट स्पीच कोडिंग पर रिसर्च की. यहीं से उनकी आवाज पहचानने की टेक्नॉलजी में रुचि बढ़ी.
14 साल तक रोहित डिफेंस कंपनी Raytheon की अनुसंधान और विकास शाखा (R&D) BBN टेक्नॉलजी में रहे.
2013 में रोहित ने एमेजन को ज्वॉइन किया और दो साल पहले कंपनी ने उन्हें एलेक्सा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हेड साइंटिस्ट का पदभार संभालने के लिए कहा. इसके बारे में उन्होंने बताते हुए कहा कि यह सफर काफी रोमांचक रहा. अगर आप 5 साल पीछे जाएं तो किसी डिवाइस से दूर खड़े होकर शोर में बात करना एक विज्ञान की कल्पना लगती थी. हम Star Trek युग में बड़े हुए जो हमारे लिए प्रेरणा है.'
क्या है एमेजन एलेक्सा?
एमेजन एलेक्सा एक वायरलेस वॉयस स्पिकिंग सिस्टम हैं जो आपकी आवाज कमांड पर वर्क करता है. आसान भाषा मे कहा जाय तो ये एक छोटा रोबोट हैं. एलेक्सा का डेवलपर एमेजन है. एमेजन इको इंग्लिश, फ्रांस और जर्मनी के भाषा में काम करता है. अभी इसमें हिंदी को नहीं जोड़ा गया है.