नई दिल्ली: आज से मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी और भी आसान व तेज हो गई है. ट्राई ने जो नए दिशा निर्देश जारी किए हैं उनके मुताबिक एक ही सर्किल में पोर्टिंग तीन दिन में हो जाएगी और दूसरे सर्किल में पोर्ट कराने में 5 दिन का वक्त लगेगा.


चलिए आपको बताते हैं मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से जुड़ी हर खास बात जिसे जानना आपके लिए जरूरी है.


- मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी को MNP भी कहते हैं. अगर कोई ग्राहक अपनी टेलीकॉम कंपनी से संतुष्ट नहीं है तो वो बिना नंबर बदले कंपनी बदल सकता है. ये प्रोसेस काफी आसान है और यदि आप भी अपने नेटवर्क से असंतुष्ट हैं तो बेहद आसान तरीके से इसे बदल सकते हैं.


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- 16 दिसंबर से इस प्रोसेस में 3 (एक ही सर्किल ) या 5 (दूसरे सर्किल) वर्किंग डेज यानि 5 कामकाजी दिनों का वक्त लगेगा. पहले ये काम करीब 15 दिनों में होता था. हालांकि नॉर्थ ईस्ट और जम्मू कश्मीर में 15 दिन ही MNP के लिए लगेंगे.


- MNP के लिए आपको यूनीक पोर्टिंग कोड यानि यूपीसी की जरूरत होती है. यूपीसी के लिए आपको एक एसएमएस करना होता है. आप अपने मैसेज बॉक्स में जाएं और PORT लिखें. इसे 1900 पर भेज दें.


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- इसके बाद आपको यूपीसी मिल जाएगा जो अगले 4 दिनों के लिए वैध होगा. अब आपको उस कंपनी के सेंटर पर जाना होगा जिसकी सुविधा आप लोग चाहते हैं. वहां आपको एक फॉर्म भरना होगा और KYC करानी होगी.


- इस प्रक्रिया के बाद आपको एक एसएमएस मिलेगा जिसमें पोर्टिंग का दिन और वक्त लिखा होगा. यही नहीं आपको सेंटर से एक सिम भी मिल जाएगा. आपको इस प्रोसेस के लिए 6.46 पैसे का चार्ज भी देना होगा.


आपको बता दें कि आप जब टेलीकॉम कंपनी के सेंटर पर जाएं तो अपने साथ आधार कार्ड भी ले जाएं ताकि तुरंत की केवाईसी कराई जा सके.