मोबाइल बैंकिंग इस्तेमाल के दौरान लोगों के साथ हो रही है सबसे ज्यादा धोखाधड़ी, ऐसे बचें
बॉस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप, फिक्की और भारतीय बैंक एसोसियशन की मानें तो मोबाइल बैंकिंग अब लोगों में काफी मशहूर हो चुका है और लोग इसका ट्रांजैक्शन करने के लिए जमकर इस्तेमाल कर रहें हैं. लेकिन इस बीच लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी काफी देखने को मिल रहे हैं.
नई दिल्ली: तकरीबन दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का एलान किया था और 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को पूरी तरह से बंद कर दिया था. जहां कई लोगों को कैश की दिक्कत हुई थी. लेकिन पिछले तीन सालों की अगर बात करें तो इस दौरान लोगों ने मोबाइल बैंकिंग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार नवंबर 2015 में 33,400 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन मोबाइल बैंकिंग की मदद से किया गया. तो वहीं ये आंकड़ा अगस्त 2018 में 2.06 लाख करोड़ पहुंच गया. इसकी मदद से कमपाउंड एनुअल ग्रोथ में 95 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई. तो वहीं अब मोबाइल बैंकिंग ट्रांजैक्शन बढ़कर 120 फीसदी हो चुका है. वहीं इस दौरान अगर एटीएम से कैश निकालने की बात करे तो ये आंकड़ा नवंबर 2015 में जहां 2.15 लाख करोड़ रुपये था तो वहीं अब यानी की अगस्त 2018 में ये 2.75 लाख करोड़ रुपये पहुंच चुका है.
बॉस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप, फिक्की और भारतीय बैंक एसोसियशन की मानें तो मोबाइल बैंकिंग अब लोगों में काफी मशहूर हो चुका है और लोग इसका ट्रांजैक्शन करने के लिए जमकर इस्तेमाल कर रहें हैं. लेकिन इस बीच लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी काफी देखने को मिल रहे हैं. तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं जिससे आप इन धोखाधड़ी से पूरी तरह से बच सकते हैं.
क्या है तरीका
मोबाइल बैंकिंग करने के लिए आजकल लोग ऑनलाइन का इस्तेमाल करते हैं जिसमें सबसे ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए आपको अपने बैंक का एप डाउनलोड करना पड़ता है तो वहीं आजकल सभी बैंक्स के अपने अपने एप हैं.
HDFC के कंट्री हेड- डिजिटल बैंकिंग नितिन चुग का कहना है कि, 'इस दौरान मोबाइल रूट छोटे टिकट ट्रांजैक्शन का इस्तेमाल करता है जिसमें बिल पेमेंट, फंड ट्रांस्फर, इंवेस्टमेंट शामिल है. जिन लोगों ने 4-5 साल पहले एप का इस्तेमाल करना शुरू किया था वो अब बड़े अमाउंट की तरफ बढ़ रहें हैं तो वहीं जिन लोगों ने पिछले साल एप पर कदम रख वो छोटे ट्रांजैक्शन कर रहे हैं.'
कैसे करें सेफ मोबाइल बैंकिंग?
ट्रांजैक्शन करते समय जिस बात का ध्यान आपको सबसे पहले रखना है वो है सही एप का चुनाव. हाल ही में ग्लोबल इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी सिक्योरिटी कंपनी, सोफोस लैब्स ने कुल 160,000 लोगों का डेटा निकाला जो गूगल प्ले स्टोर पर फेक बैंकिंग एप्स का शिकार हो चुके हैं. ये एप्स कई बैंक के यूजर्स को टारेगट करते हैं जिसमें 7 भारतीय बैंक भी शामिल हैं. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया. ICICI बैंक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यस बैंक और सिटीबैंक शामिल हैं.
यूजर्स को सुरक्षित मोबाइल बैंकिंग करने के लिए सबसे पहले ये ध्यान देना होता है कि वो कभी भी कहीं और से या किसी थर्ड पार्टी से मोबाइल बैंक के एप का इस्तेमाल न करें क्योंकि ये थर्ड पार्टी ही अंत में किसी यूजर को चुना लगाती है. हमेशा देखें की कंपनी की ऑफिशियल एप ही आप अपने फोन में डाल रहें हैं. इसके लिए आप बैंक वेबसाइट की मदद से एप स्टोर पर जाकर उस कंपनी का मोबाइल एप डाउनलोड कर सकते हैं.
वहीं हमेशा ये ध्यान रखें कि आप कहीं भी अपनी निजी जानकारी न शेयर करें इसमें MPIN, OTP, पासवर्ड और दूसरी चीजें शामिल हैं. कभी भी पुराना फोन बदलते समय हमेशा उसमें से अपना डेटा क्लियर कर दें. इन तरीकों की मदद से आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं.