नई दिल्लीः दुनिया सहित देश में इन दिनों 'मोमो' नाम के एक गेम ने वही हलचल मचा रखी है जो बीते साल 'ब्लू व्हेल' नाम के जानलेवा गेम ने मचाई थी. ये गेम खेलने वालों का आखिरी स्टेज मौत है. भारत में अबतक इस गेम के शिकार हुए तीन लोगों की मौत हो चुकी है. हालिया मामला पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले से सामने आया है जहां एक 10 वीं के छात्र ने खुदकुशी कर ली. इस छात्र के फोन में 'मोमो गेम' पाया गया है और साथी छात्रों का कहना है कि 'मोमो चैलेंज' के कारण छात्र ने आत्महत्या की.


मोमो नाम के इस गेम ने बच्चों के अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के होश उड़ा दिए हैं. ये गेम फेसबुक , व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए तेजी से बढ़ता जा रहा है. खासकर व्हाट्सएप के जरिए ये टीनेजर्स और नौजवानों को टारगेट करता है. दुनिया भर में सैकड़ों बच्चों की जान ले चुका ये भयानक गेम क्या है? कैसे ये लोगों को मौत के लिए मजबूर करता है? ये सभी काम जानकारी यहां जानिए.


क्या है मोमो गेम और कैसे करता है काम?
इस गेम को खेलने वाले को चैलेंज दिया जाता है. इसके लिए एक अनजान नंबर को कम्यूनिकेशन का जरिया बनाया जाता है. इस नंबर के साथ बड़ी और ऊभरी हुई आंखों वाली एक डरावनी सी प्रोफाइल फोटो नज़र आती है. 'मोमो गेम' के साथ आने वाली ये डरावनी तस्वीर जापानी आर्टिस्ट मिदोरी हयाशी की एक कलाकृति से काफी मिलती जुलती है. इस गेम को एकबार खेलना शुरु करने पर ये यूजर के फोन के डेटा पर कंट्रोल कर लेता है.


अगर किसी भी स्टेज पर खेलने वाला दिए गए कमांड को मानने से इंकार करता है तो उसे धमाकाया जाता है. खेलने वाले को खेल में कई तरह के चैलेंज दिए जाते हैं और उसे मानसिक तौर पर इस तरह प्रताड़ित या कहें सम्मोहित कर देता है कि गेम का अंत जान के साथ होता है.


अबतक भारत में कितनी मौत?
पंश्चिम बंगाल में 10वीं के छात्र की 'मोमो गेम' के कारण हुई मौत के पहले दार्जिलिंग से मौत के दो मामले सामने आ चुके हैं. दार्जिलिंग के कुरसेओंग जिले में 18 साल के मनीष सरकी की 20 अगस्त को मौत हुई थी और इससे ठीक एक दिन बाद यानी 21 अगस्त को इस जिले की ही रहने वाली 26 साल की अदिति गोयल की मौत हो गई. इन दोनों मौत के पीछे पुलिस ने मोमो गेम की आशंका जताई है. इस मामले में तीसरी मौत 23 अगस्त को हुई है. पंश्चिम मिदनापुर में रहने वाले 10वीं के छात्र ने भी आत्महत्या कर ली है जिसका जिम्मेदार इस गेम को माना जा रहा है.


पुलिस अधिकारी ने कहा, '' इस गेम का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. इस गेम से मरने वाले लोगों की जानकारियां और सामने आ रही हैं. ज्यादातर नौजवानों को इस गेम के लिए व्हाट्सएप पर इनवाइट आ रहा है. ये इनवाइट एक अप्रमाणित नंबर से आया रहा है और गेम खेलने के लिए कहा जा रहा है.''


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 21 अगस्त को जलपाईगुड़ी की रहने वाली कबिता राय के पास इस गेम का इ़नवाइट आया. इसके बाद उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी. इसके अलावा कोलकाता की रहने वाली राजश्री उपाध्याय आईटी प्रोफेशनल को भी इस गेम के लिए इनवाइट आया जिसके बाद उन्होंने पुलिस को तुरंत जानकारी दी. उन्होंने बताया, '' मेरे दोस्त ने मुझे इस तरह के इनवाइट पर रिप्लाई ना करने की सलाह दी थी तो मैंने ऐसा ही किया. मुझे इस खतरनाक गेम के बारे में पहले से पता था और मेरा आठ साल का बेटा है तो ऐसे में ये गेम देखकर मैं डर गई थी.''

इस गेम से जुड़े मामले ज्यादातर जलपाईगुड़ी, कुरसेओंग और पश्चिम मिदनापुर में दर्ज किए गए हैं. लेकिन अब इस गेम का आतंक पंश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता तक भी पहुंच गया है.