WhatsApp पर फैलती अफवाहों को लेकर महाराष्ट्र पुलिस का बड़ा कदम, अब ग्रुप में शामिल होंगे पुलिसकर्मी
महाराष्ट्र पुलिस ने अपने सभी पुलिस कर्मियों को ज़्यादा से ज़्यादा व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने और फेसबुक, ट्विटर पर सक्रिय होने के निर्देश दिए. इसका मकसद सोशल मीडिया में होनेवाली हलचल पर नजर बनाए रखना है.
नई दिल्लीः व्हाट्सएप पर फैलती अफवाहें और उससे बढ़ती मॉब लिंचिंग देश के लिए सबसे बड़ी चिंता बनती जा रही है. गृह मंत्रालय ने अफवाहों पर सख्ती दिखाते हुए राज्यों को अफवाह पर रोक लगाने और अफवाह वाले इलाकों की पहचान करने का आदेश दिया. इसी बीच महाराष्ट्र पुलिस ने व्हाट्सएप के जरिए फैलती फेक जानकरियों पर बड़ा कदम उठाया है. महाराष्ट्र पुलिस ने अपने सभी पुलिस कर्मियों को ज़्यादा से ज़्यादा व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने और फेसबुक, ट्विटर पर सक्रिय होने के निर्देश दिए. इसका मकसद सोशल मीडिया में होनेवाली हलचल पर नजर बनाए रखना है.
पुलिस के मुताबिक इस तरह की अफ़वाहों को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया सेल मौजूद है लेकिन इस पहल से उन्हें और मदद मिलेगी. इसके अलावा पुलिस समाज के प्रतिष्ठित और सामान्य वर्ग के लोगों से संपर्क बढ़ाकर उन्हें जागृत करेगी. जिससे लोगों को फेक न्यूज़ और अफ़वाह के बारे में जानकारी मिल सकेगी. वहीं, पुलिस इस काम में जनता की मदद भी चाहती है. पुलिस जनता से अपील कर रही है कि अफवाह फैलानेवालों की जानकारी पुलिस कंट्रोल रुम या पुलिस ट्विटर पर साझा करें ताकि पुलिस उन लोग तक पहुँच सके और अफवाह को फैलने से रोक सके.
महाराष्ट्र पुलिस के 2.2 लाख पुलिसकर्मी और मुंबई पुलिस के 50000 पुलिसकर्मी अब व्हाट्सएप ग्रुप पर ज़्यादा से ज़्यादा नज़र बनाए रकेंगे ताकि राज्य में दोबारा धुले जैसी घटना ना हो सके. क़ानून के जानकारों के मुताबिक ऐसे अफ़वाह फैलाना एक क़ानून जुर्म है और ऐसे करनेवालों के आईपीसी की धारा 505 और आईटी एक्ट के सेक्शन 66,67 के तहत तान साल तक की सज़ा हो सकती है.
धुले की घटना ने सरकार की नींद तोड़ी
मॉब लिंचिंग का सबसे ताज़ा मामला महाराष्ट्र के धुले से सामने आया. जहां इस रविवार को जहाँ बच्चा चोर होने के शक में भीड़ ने पाच बेगुनाहों को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार डाला. इसके बाद सोमवार को नासिक में भी एक शख्स पर भीड़ ने हमला कर दिया. हालांकि, पुलिस ने इस शख्स की जान बचा ली. इस तरह की ग़लती दोबारा ना हो, समाज में सोशल मीडिया की वजह से बेगुनाह भीड़ का शिकार को ना बनें इसीलिए महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस ने अब इन अफ़वाहों पर रोक लगाने के लिए ये विशेष मुहिम शुरु की है.