नई दिल्ली: अमेरिका में किए गए एक अध्ययन में ये बात सामने आई है कि वो व्यक्ति जिनकी उम्र 36 से 55 साल के बीच होती है. ऐसे में ये संभावित है कि वो फेक न्यूज शेयर कर सकते हैं. अध्ययन को साइंस एडवांस में पब्लिश किया गया है. इसमें पाया गया है कि 9 प्रतिशत से कम अमेरिकियों ने साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान फेसबुक पर पाए गए कई फेक न्यूज के लिंक्स को शेयर किया था. लेकिन न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पाया कि ऐसा ज्यादातर उन लोगों में पाया गया जिनकी उम्र 65 साल से ज्यादा थी.
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोशवा टकर ने कहा कि, 'फेक न्यूज को कई भारी मात्रा में शेयर किया जाता है जहां हमें ये पता नहीं होता कि कौन सी खबर सही है और कौन सी गलत. और ऐसा हम ज्यादातर फेसबुक पर करते हैं. तो वहीं 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ऐसा काफी देखने को मिला.'
बता दें कि फेसबुक पर कुल 8.5 प्रतिशत लिंक्स फेक निकले. तो वहीं सिर्फ 3 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनकी उम्र 18 से 29 साल के बीच थी और उन्होंने फेक न्यूज को शेयर किया था. जबकि ये आंकड़ा 65 साल के लोगों में ज्यादा था जो 11 प्रतिशत था.