नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साल 2015 में सभी बैंकों को फरमान सुनाया था कि वो जल्द से जल्द पुराने मैगनैटिक स्ट्राइप कार्ड से छुटकारा पाएं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन कार्ड्स पर सिक्योरिटी का खतरा ज्यादा है. आरबीआई के गाइडलाइंस के तहत इन मैगनेटिक स्ट्राइप कार्ड को जल्द से जल्द EMV कार्ड में बदल देना चाहिए और वो भी 31 दिसंबर से पहले. अगर ऐसा नहीं हुआ तो 1 जनवरी से आपका कार्ड काम करना बंद कर देगा. तो चलिए इस मामले में कुछ और चीजें जानते हैं.


क्या होते हैं EMV कार्ड? और इसकी हमें क्यों जरूरत


EMV कार्ड स्मार्ट पेमेंट कार्ड्स होते हैं जिनमें मैगनैटिक स्ट्राइप्स की जगह इंटिग्रेटेड सर्किट में डेटा स्टोर होता है. इन कार्ड्स को चिप कार्ड और आईसी कार्ड भी कहा जाता है. इस कार्ड से जितनी बार आप ट्रॉंजैक्शन करेंगे ये कार्ड उतनी बार आपका डायनेमिक डेटा बनाएंगे. इसकी मदद से चोर और क्राइम करने वाले लोग इस कार्ड का डुप्लीकेट या उसे कॉपी नहीं कर पाएंगे.


EMV कार्ड में आपका पेमेंट डेटा सुरक्षित रहेगा तो वहीं कोई भी इस कार्ड में सिक्योरिटी को लेकर सेंध नहीं लगा सकता है. कहा जा रहा है कि इस कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यूजर्स को होगा जहां उनकी सिक्योरिटी को सबसे आगे रखा गया है.


कैसे करें अपना कार्ड चेक?


वहीं अगर आपको चेक करना है कि आपका कार्ड ब्लॉक होगा या नहीं तो इसके लिए आपको सबसे पहले अपना चिप चेक करना होगा. इसके लिए आपको अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के फ्रंट पर EMV चिप को देखना होगा. अगर वहां पर सिम कार्ड जैसा कोई चिप हुआ तो आपका कार्ड ब्लॉक नहीं होगा और अगर वहां कुछ और हुआ तो आपका कार्ड पुराना है और 31 दिसंबर के बाद वो काम करना बंद कर देगा.


इसके लिए आपको अपने होम ब्रांच में संपर्क करना होगा जहां से आप अपने कार्ड को बदलवा सकते हैं. इंटरनेट बैंकिंग की मदद से आप नए कार्ड को पा सकते हैं. इसके लिए आपको ई सर्विस और फिर एटीएम कार्ड सर्विस को चुन कर एटीएम डेबिट और क्रेडिट कार्ड रिक्वेस्ट करना होगा. ऐसा करने पर नया कार्ड आपके घर पर आ जाएगा. वहीं जब आपके पास आपका नया कार्ड आ जाए तो सबसे पहले अपना पिन बदलें.