नई दिल्ली: PUBG की दीवानगी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. जिसका सीधा असर आजकल के बच्चों पर दिख रहा है. ये गेम एक ऐसा गेम बनता जा रहा है जिसपर रोक लगाना फिलहाल काफी मुश्किल है. यहां तक की परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी भी इसपर बात कर चुके हैं. इस गेम से अभी तक कई बच्चे जहां एडिक्शन की लत पकड़ चुके हैं तो वहीं कुछ महीने पहले एक बच्चे ने इसी गेम के चलते अपने परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी थी.

अब एक और नया मामला सामने आया है जहां मुंबई के लिए एक लड़के को घरवालों ने पबजी खेलने के लिए 37,000 रुपये का फोन नहीं दिया तो उसने सुसाइड कर ली है. यह मामला मुंबई के कुर्ला इलाके के नेहरू नगर का है, जहां एक 18 साल के लड़के ने PUBG खेलने के लिए 37,000 रुपये का फोन नहीं मिलने के कारण आत्महत्या कर ली है. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे ने 37,000 रुपये के स्मार्टफोन की मांग की थी लेकिन घरवाले 20,000 रुपये देने के लिए राजी थे जिसके बाद उसने सुसाइड कर लिया है, हालांकि पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया है.

बता दें कि हाल ही में 11 साल का एक बच्चा पबजी को भारत में पूरी तरह से बैन करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा था. अहद निजाम नाम के बच्चे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करके पबजी पर बैन की मांग की है और कहा है कि पबजी गमे हिंसा, आक्रामकता और साइबर अपराध को बढ़ावा देता है.

क्या है PUBG?


PUBG यानी की प्लेयर अननोन्स बैटलग्राउंड्स (PUBG) एक ऐसा ऑनलान गेम जिसे सबसे पहले पीसी, iOS और एक्सबॉक्स वर्जन पर लॉन्च किया गया था लेकिन अब इसे फोन पर भी लॉन्च किया जा चुका है. जैसे ही ये गेम फोन में आया सबसे पहले इसने उन बच्चों को टारगेट किया जो छोटी उम्र के हैं और ऑनलाइन गेमिंग के शौकीन हैं. लेकिन इस गेम में जैसे जैसे अपडेट आते गए ये गेम बड़े लेवल पर पहुंच गया और अब कई युवा इस गेम को लेकर काफी क्रेजी हो चुके हैं. इस गेम ने जैसे ही बाजार में अपनी एंट्री की बाकी सभी गेम मार्केट से गायब हो गए. यानी की अब बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी इस गेम के पीछे पागल हो चुके हैं.