(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
साजिश: 'सिख रेफरेंडम ऐप' के जरिए पंजाब में गड़बड़ी की फिराक में पाकिस्तान, अमरिंदर सिंह ने Google से ऐप हटाने को कहा
पाकिस्तान अब भारत के खिलाफ '2020 Sikh Referendum' ऐप के जरिए एजेंडा सेट कर रहा है. इसको लेकर सिख समुदाय काफी नाराज है. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गूगल प्ले स्टोर से इस ऐप को जल्द हटाने की मांग की है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपने बेकार मंसूबों से कभी बाज नहीं आएगा. अब वह भारत के खिलाफ एक नया एजेंडा सेट करने में लगा हुआ है. गुरुनानक देव के 550वें जन्मदिवस पर इंटरनेट को अब हथियार बनाया जा रहा है. अगर आप गूगल प्ले स्टोर पर जाएंगे तो आपको '2020 Sikh Referendum' करके एक ऐप मिलेगा. बता दें कि 2020 Sikh Referendum एक अलगाववादी मुहिम है जो कि भारत से अलग खालिस्तान की मांग करते हैं.
इंटरनेट का प्रयोग करने वाले काफी लोगों ने शुक्रवार को ट्विटर पर विवादास्पद '2020 सिख रेफरेंडम ऐप' को तुरंत हटाने की मांग की है. एक यूजर ने लिखा, "मोबाइल ऐप '2020 सिख रेफरेंडम' को करतारपुर, पाकिस्तान में सिखों को टागरेट करने के लिए बनाया गया है. यह खालिस्तान को बढ़ावा देने के लिए है. इस तरह के काम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए."
एक अन्य यूजर ने लिखा, "भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा 'खालिस्तान' अब गूगल प्ले स्टोर पर है. गूगल प्ले अपने प्लेटफॉर्म पर कट्टरपंथी सोच को कैसे अनुमति दे सकता है? यह '2020 सिख रेफरेंडम ऐप' भारत के खिलाफ खालिस्तान के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा है और पाकिस्तानी इस एप्लिकेशन को संचालित कर रहे हैं."
यह ऐप अभी तक 1,000 से अधिक डाउनलोड हो चुकी है. इसे अमेरिका आधारित समूह सिख फॉर जस्टिस द्वारा शुरू किए गए एक ऑनलाइन अलगाववादी अभियान के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने अधिकारियों को इस मामले को उचित तरीके से उठाने का निर्देश दिया और प्रौद्योगिकी कंपनी को इसे हटाने के लिए कहा. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से भी गुजारिश की है कि वह तुरंत कंपनी को इस ऐप को हटाने का निर्देश दें.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी की ऐप को हटाने की मांग
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को अपने अधिकारियों को इस मामले को उचित तरीके से उठाने का निर्देश दिया. उन्होंने साथ ही प्रौद्योगिकी कंपनी को इसे हटाने के लिए कहा है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि वह इस विवादास्पद एप को तुरंत हटाने के लिए कंपनी को निर्देश दे. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य ने इस बाबत गूगल के समक्ष यह मुद्दा उठाया है. करतारपुर कॉरिडोर के खुलने से ठीक पहले मुख्यमंत्री के निर्देशों पर अमल करते हुए पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ मिलकर '2020 सिख रेफरेंडम' एप से होने वाले खतरों से निपटने की व्यवस्था कर ली है.
एप को तुंरत बंद करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गूगल प्ले से एप को कोई भी डॉउनलोड कर सकता है. यह जाहिर तौर पर आईएसआई के एजेंडे को सिद्ध करने की कोशिश करता है, जिसके अनुसार गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के मौके से पहले सिख समुदाय के लोगों को बांटने का प्रयास किया जा रहा है.
ऐसा होने देने के लिए कंपनी की गैर-जिम्मेदाराना हरकत पर मुख्यमंत्री ने कहा, "पहली बात तो यह है कि कैसे और क्यों गूगल ने इस प्रकार की एप को अपलोड होने दिया." उन्होंने कहा कि अगर कंपनी चरमपंथी समूह का समर्थन नहीं करना चाहती है, तो गूगल को चाहिए कि वह एक मिनट की देरी किए बिना अपने प्ले स्टोर से एप को हटा दे.
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