नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा कारोबार इकाई रिलायंस रिटेल का कर-पूर्व लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में तिगुना होकर 1,392 करोड़ रुपये हो गया. पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का कर-पूर्व लाभ 444 करोड़ रुपये था.  इस दौरान रिलायंस रिटेल की आय दोगुना से अधिक हो गई और यह 32,436 करोड़ रुपये रही. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 14,646 करोड़ रुपये थी. रिलायंस रिटेल के देशभर में 9,146 स्टोर हैं. ये स्टोर देश के 5,800 से ज्यादा शहर-कस्बों में फैले हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बुधवार को कहा कि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसे 9,516 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ हुआ. यह किसी एक तिमाही में कंपनी का सर्वाधिक मुनाफा है.


कंपनी ने इस दौरान पेट्रोकेमिकल कारोबार में रिकॉर्ड कमाई की. इसी तरह उसने खुदरा कारोबार और दूरसंचार क्षेत्र में भी जोरदार कमाई की. इससे तेलशोधन क्षेत्र में मार्जिन में गिरावट की भरपाई करने में मदद मिली.  रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने नतीजों पर कहा, “ आर्थिक चुनौतियों के बावजूद हमारी कंपनी ने पिछली तिमाही में ठोस संचालन और वित्तीय नतीजे दिए हैं. साथ ही साल-दर-साल आय में बढ़ोत्तरी हो रही है.” उन्होंने कहा, “जिंस और मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच हमारे तेलशोधन और पेट्रोकेमिकल कारोबार ने अच्छी आय वृद्धि देखी.”


बता दें कि पेट्रोलियम और दूरसंचार क्षेत्र की देश की इस दिग्गज कंपनी ने इसके साथ ही 5,230 करोड़ रुपये में डेन नेटवर्क लिमिटेड और हैथवे केबल एंड डेटाकॉम लिमिटेड की बड़ी हिस्सेदारी के अधिग्रहण का भी ऐलान किया. कंपनी ने बयान में बताया कि इस सौदे से जियो की पहुंच हैथवे और डेन के करीब 27,000 स्थानीय केबल ऑपरेटरों तक हो जाएगी. इससे जियो को आम घरों में ब्रांडबैंड और केबल टीवी सेवा देने में मदद मिलेगी.


कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि वर्तमान वित्त वर्ष में रिलायंस इंडस्ट्रीज का एकीकृत शुद्ध लाभ 9,516 करोड़ रुपये या प्रति शेयर 16.1 रुपये रहा.
जुलाई-सितंबर में कंपनी के शुद्ध लाभ में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 17.4 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है. पिछले साल की इसी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध मुनाफा 8,109 करोड़ रुपये या 13.7 रुपये प्रति शेयर रहा था.


रिलायंस जियो को पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कर पूर्व 271 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी चलाने वाली इस कंपनी के तेल शोधन कारोबार में कर पूर्व कारोबार में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट देखने को मिली. मार्जिन गिरने से इस क्षेत्र में कंपनी का कर पूर्व लाभ 19.6 प्रतिशत लुढ़ककर 5,322 करोड़ रुपये रहा. इससे पिछली तिमाही में इसके तेलशोधन व्यवसाय के कर पूर्व लाभ में 16.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.


तेल और गैस उत्पादन में गिरावट से इस कारोबार में कंपनी की कर पूर्व हानि पिछले साल की दूसरी तिमाही की 272 करोड़ रुपये की तुलना में इस साल जुलाई-सितंबर के दौरान बढ़कर 480 करोड़ रुपये हो गई.