रिलायंस जियो की एंट्री के बाद से ही पिछले 2.5 में इंडिया में ऑनलाइन दुनिया में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. जियो की सफलता के बाद अब रिलायंस इंडस्ट्रीज की नज़रे ई कॉमर्स में एंट्री करने पर हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चैयरमैन ने घोषमा भी की है कि वो जल्द ही एक रिलायंस रिटेल के साथ नया ऑनलाइन ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म लाने वाले हैं.


रिलायंस अपने इस कदम के बाद एमेजन और फ्लिपकॉर्ट जैसे बड़े प्लेयर्स को मार्केट में चुनौती देगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रिलायंस के ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म की शुरुआत गुरुआत से हो सकती है, जहां वो छोटे रिटेलयर्स के साथ टाई अप करेगा. ऐसा दावा है कि रिलायंस के इस कदम से राज्य में करीब 12 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इस बात की घोषणा वाइब्रेंट गुजरात समिट के दौरान की गई है.


रिपोर्ट्स की मानें तो 12 से 18 महीने में कंपनी ऑफलाइन से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की तरफ कदम बढ़ा सकती है. इतना ही नहीं जियो की कुछ सुविधाओं के साथ रिलायंस अपने इस प्लेटफॉर्म को जोड़ सकती है.


नए नियमों की वजह से मुश्किल में है एमेजन और फ्लिपकॉर्ट


रिलायंस के ई कॉमर्स बिजनेस में आने की घोषणा ऐसे वक्त में हुई है जब फ्लिपकॉर्ट और एमेजन सरकार की हाल ही में लगाई गई बंदिशों से जूझ रहे हैं. ई कॉमर्स के लिए इस साल लागू हुए नियमों की वजह से दोनों ई कॉमर्स वेबसाइट के बिजनेस पर असर पड़ा है. एमेजन और फ्लिपकॉर्ट दोनों प्लेटफॉर्मस पर सामान बेचने के लिए थोक व्यापारी हैं. लेकिन नए नियम लागू होने 25 फीसदी ही विदेशी कंपनियों का सामना बेचा जा सकता है.


चूंकि रिलायंस एक घरेलू कंपनी है, इसलिए उस पर इस तरह की कोई भी पाबंदी लागू नहीं होगी. ऐसे में फ्लिपकॉर्ट और एमेजन के लिए रिलायंस की ई कॉमर्स वेबसाइट का सामना करना मुश्किल हो सकता है. फ्लिपकार्ट और एमजेन के अलावा पेटीएम और स्नैपडील पर भी रिलायंस के आने का असर पड़ सकता है.


इंडियन ब्रैंड इक्विटी फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में इंडियन ई कॉमर्स इंडस्ट्री का साइज 39 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2020 तक ई कॉमर्स इंडस्ट्री का साइज भारत में हर साल 51 फीसदी की बढोतरी के साथ 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है.