Artificial Intelligence ने लगाया मानवों के हजारों साल पहले के पूर्वजों का पता
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से रिसर्चर्स ने मानवों के हजारों साल पहले के पूर्वज की पहचान की है. इनका दावा है कि इन पूर्वजों का एशिया के लोगों पर आनुवंशिक असर हुआ है.
लंदन: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम ने मानवों के एक ऐसे अज्ञात पूर्वज की पहचान की है जो हजारों साल पहले धरती पर थे. इस सिस्टम ने यह भी पता लगाया है कि इस जीव का एशियाई लोगों पर आनुवंशिक असर भी है. वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी है. इस विषय पर रिसर्च तार्तु विश्वविद्यालय, इंस्टीट्यूट ऑफ इवोल्युशनरी बायोलॉजी और स्पेन के जिनोम रेगुलेशन शोधार्थियों ने किया.
रिसर्च में पाया गया कि यह विलुप्त प्रजाति निएंडरथल और डेनिसोवान की हाईब्रिड उपज थी और फिर इस प्रजाति ने एशिया में आधुनिक मानव के साथ प्रजनन संबंध कायम किया. यह अध्ययन बताता है कि डेनिसोवा की गुफाओं में पिछले साल मिली हाईब्रिड प्रजाति (निएंडरथल माता और डेनिसोवान पिता) कोई छोटा मामला नहीं था बल्कि यह आम आनुवांशिक अंतरण प्रक्रिया (संकरण संबंधी प्रक्रिया) का हिस्सा था.
यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित हुआ है. रिसर्चर ने मानव के जैविक विकास को समझने के लिए पहली बार गहरे शिक्षण एल्गोरिदम का उपयोग किया है. इससे जीव विज्ञान, जीनोम (आनवांशिक संबंधी) विज्ञान और जैविक विकास के प्रश्नों का उत्तर ढूढ़ने में इस तकनीक के प्रयोग का मार्ग प्रशस्त हुआ है. दो प्रजातियों के बीच फर्क ढूंढने का एक तरीका यह है कि दोनों आपस में प्रजनन संबंध बनाते हों लेकिन आम तौर पर उनके वंशज में वैसी प्रजनन क्षमता नहीं होती है.
वहीं, जब विलुप्त प्रजातियों की बात आती है तो यह अवधारणा अधिक जटिल होती है. असल में, वर्तमान मानव डीएनए की कहानी इन सीमाओं की रेखाएं जटिल रुप में पेश करती है, अन्य प्रजातियों जैसे निएंडरथल और डेनिसोवान से होमिनिड के अंश सुरक्षित रखती है. ये दोनों ही प्रजातियां यूरेशिया में आधुनिक मानव के साथ 40,000 वर्ष पहले अस्तित्व में थीं.
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