नई दिल्लीः एयरटेल और जियो के बीच एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गयी है. एयरटेल का आरोप है जियो ‘प्रिडेटरी प्राइसिंग’ की नीति अपना रहा है जिसका खामियाजा पूरे उद्योग को भुगतना होगा. आम बोलचाल की भाषा में कहे तो‘प्रिडेटरी प्राइसिंग’ के तहत एक कंपनी अपने सामान या सेवा की कीमत काफी कम रखती है जिससे मुकाबला असमान हो जाता है और प्रतिद्वंदी कंपनियों को खासा नुकसान उठाना पड़ता है.


एयरटेल का ये रुख, रिलायंस जियो के उस बयान के जवाब में सामने आया है जिसमें कहा गया था कि एय़रटेल मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज के तहत खासी कमाई कर रही है. मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज के तहत जिस ऑपरेटर के नेटवर्क पर सेवा समाप्त हो रही होती है उसे सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी को एक निश्चित रकम का भुगतान करना होता है. एयरटेल के मुताबिक, टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज 14 पैसे तय कर रखा है जो लागत से काफी कम है. एयरटेल का दावा है कि लागत 35 पैसे का आता है. दूसरी ओर जियो के नेटवर्क से भारी संख्या में फोन आने की वजह से एयरटेल को हर मिनट कॉल पर 21 पैसे का नुकसान हो रहा है. इससे हर तिमाही में एयरटेल को 550 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है.

एयरटेल का कहना है कि भारत ने 2003 में ‘कॉलिंग पार्टी पे (सीपीपी)’ की व्यवस्था को अपनाया. इस व्यवस्था के तहत आने वाली कॉल मुफ्त होती है जबकि की गयी कॉल पर तय रकम चुकानी होती है. इसी के तहत मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज की व्यवस्था लागू हुई. एयरटेल का कहना है कि चार देशों को छोड़कर दुनिया भर मे कहीं भी इनकमिंग कॉल और मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज जीरो है. एय़रटेल के मुताबिक यहां ये जरुरी है मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज, कॉल पूरी होने के खर्च की भरपाई करे. अगर ऐसा नहीं होता है तो सीधा-सीधा एक ऑपरेटर दूसरे ऑपरेटर को सब्सिडी दे रहा है.

एयरटेल का जियो पर आरोप है कि वो ग्राहकों से पैसा तो ले रही है, लेकिन वो अपनेपास ही रखना चाहती है. इससे पूरे उद्योग पर 15-20 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और आगे चलकर ये और बढ़ेगा. भारती एयरटेल के चीफ रेग्युलेटरी ऑफिसर रवि गांधी का कहना है कि एयरटेल और दूसरे ऑपरेटर ने जो बाजार विकसित किया, अब उसका पूरा-पूरा फायदा जियो उठाना चाहती है.

एयरटेल का ये रुख ऐसे समय में आय़ा है जब रिलायंस इंडस्ट्रीज की शुक्रवार को शेयरधारकों की सालाना आम बैठक यानी एजीएम होनी है. उम्मीद है कि इस बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी जियो को लेकर नयी रणनीति का ऐलान कर सकते हैं. साथ ही 500-1000 रुपये के बीच वाला फीचर फोन भी लांच कर सकते है. फीचर फोन, आम मोबाइल हैंडसेट की तरह होता है जिसमें एप वगैरह की सुविधा नहीं होती है. ध्यान रहे कि बाजार में आने के साल भर के भीतर ही जियो के ग्राहकों की संख्या 10 करोड़ के ऊपर पहुंच गयी है.