सियोलः सैमसंग कंपनी के लिए पिछले काफी समय से खराब खबरों का दौर चल रहा है और अब इसके लिए एक ऐसी खबर आई है जो कंपनी की इमेज को बड़ा धक्का पहुंचा सकती है. सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स कंपनी के उपाध्यक्ष और सैमसंग के उत्तराधिकारी ली जे-योंग को हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी के आरोपों में शुक्रवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.


समाचार एजेंसी योनहप के अनुसार सियोल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की तरफ से गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बाद ली को गिरफ्तार कर लिया गया. इस तरह से ली देश के सबसे बड़े व्यापारिक समूह के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें किसी आपराधिक मामले में हिरासत में लिया गया है. ली जे-योंग पर दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे और उनकी मित्र को रिश्वत का प्रस्ताव दिए जाने की खबर है.


स्वतंत्र वकील, पार्क यंग-सू के नेतृत्व वाले जांच दल ने मंगलवार को दूसरी बार ली के खिलाफ मामले का अनुरोध किया था. जबकि एक महीने से कम समय पहले ली पर रिश्वतखोरी, गबन और झूठी गवाही के आरोपों का मामला चलाने का अनुरोध खारिज कर दिया गया था. अभियोजकों ने अपनी दूसरी कोशिश के दौरान ली के खिलाफ अतिरिक्त आरोप लगाए, जिसमें आपराधिक आय को छुपाना और राष्ट्रपति की मित्र चोई सून-सिल को रिश्वत देने की प्रक्रिया में विदेशों में संपत्ति के हस्तांतरण के दौरान कानून का उल्लंघन करने का आरोप शामिल है.


अदालत ने कहा, "नए आरोपों और जुटाए गए अतिरिक्त सबूत को देखते हुए ली की गिरफ्तारी उचित और जरुरी लगती है." 48 साल के ली ने शुक्रवार सुबह आए अदालत के फैसले के इंतजार में गुरुवार रात सियोल बंदीगृह में बिताई.


बंदी केंद्र के एक अधिकारी के अनुसार, अदालत के इस निर्णय के बाद सैमसंग के उत्तराधिकारी ली को सियोल स्थित अपने विशाल घर को छोड़कर 6.65 वर्ग मीटर की कोठरी में जाना पड़ा है, जिसमें सोने के लिए एक बिस्तर, टीवी और एक शौचालय है. उन्हें एक कोठरी में रखा गया है और अन्य कैदियों से संपर्क की उन्हें इजाजत नहीं है.


फिलहाल, ली सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के उपाध्यक्ष हैं, लेकिन 2014 में उनके पिता ली कुन ही को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें ही सैमसंग समूह का मालिक माना जा रहा है. ली और सैमसंग समूह ने हालांकि किसी तरह की गलत गतिविधियों से इनकार किया है. सैमसंग समूह ने ली की गिरफ्तारी के बाद जारी बयान में कहा, "हम यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि अदालती कार्यवाही में सच सामने आए."


सैमसंग प्रमुख के साथ पहले ही जनवरी में कंपनी के कई अन्य अधिकारियों के साथ पूछताछ हो चुकी है, लेकिन अदालत के फैसले में उनकी गिरफ्तारी के लिए इसे अपर्याप्त बताया था.