नई दिल्लीः भारत सरकार ने सोशल नेटवर्किंग दिग्गज फेसबुक से उन खबरों पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें कहा गया कि उसने  फोन मेकर्स को यूजर्स की सहमति के बिना उनकी निजी जानकारी मुहैया कराई, जिसमें उनके दोस्तों की जानकारी भी शामिल है.


आईटी मंत्रालय ने कहा, "भारत सरकार ऐसी चूक और उल्लंघन को लेकर गहराई से चिंतित है. क्रैंबिज एनालिटिका मामले में निजी डेटा के उल्लंघन के बारे में भेजे गए नोटिसों के जवाब में फेसबुक ने माफी मांगी थी और भारत सरकार को आश्वासन दिया था कि वे प्लेटफार्म पर यूजर्स के डेटा की  प्राइवेसी का ख्याल रखेंगे."


सरकार ने कहा कि हालांकि ऐसी खबरों से फेसबुक के दिए गए आश्वासन पर सवाल उठाती है. बयान में कहा गया, "इसलिए, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने फेसबुक से विस्तृत रिपोर्ट के साथ आश्वासन मांगा है. फेसबुक को 20 जून तक जवाब देने को कहा गया है."


क्या है रिपोर्ट?


न्यूयॉर्क टाइम्स एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि फेसबुक ने एपल, सैमसंग सहित 60 डिवाइस मेकर्स को यूजर्स के पर्सनल डेटा का एक्सेस दिया. ना सिर्फ यूजर बल्कि उनके दोस्तों के पर्सनल डेटा का एक्सेस भी इन कंपनियों को दिया गया. फेसबुक ने बताया था कि किसी भी इंटिग्रेटेड एपीआई के एक्सेस को खत्म किया जाएगा लेकिन अभी भी फेसबुक कई लोगों के साथ ऐसी साझेदारी रखता है जिसके तहत डेटा एक्सेस किया जा सके.


 साल 2010 में फेसबुक ने कई कंपनियों के साथ एक डील साइन की थी जिससे फेसबुक को अपनी रीच बढ़ाने में मदद मिल सके. रिपोर्ट के मुताबिक यह पार्टनरशिप डील अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) की नीतियों का उल्लंघन करती है. डील के मुताबिक, स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां फेसबुक पर यूजर के लाइक और मैसेज तक एक्सेस करके सोशल मीडिया पर ऑफर दे सकती हैं.  न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा है कि ये साझेदारी फेसबुक ने साल 2018 तक जारी रखी है.


 रिपोर्ट में बताया गया है कि फेसबुक ने हुवावे , लेनोवो , ओप्पो और टीसीएल के साथ डेटा साझा समझौता किया है. जिसके चलते चीनी कंपनियों कुछ यूजर्स के निजी डेटा तक पहुंच रखती हैं.