नई दिल्लीः प्राइवेसी के खतरे और आधार को कई सर्विसेज़ के साथ जोड़ने को लेकर गृह मंत्रालय के पूर्व सचिव राजीव महर्षि ने बड़ा खुलासा किया है. सेवानिवृत्त सचिव ने संसदीय समिति के सामने बताया कि लगभग 40 फीसदी लोग जो स्मार्टफोन और पॉपुलर एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं वो अपना डेटा पूरी दुनिया के साथ शेयर कर देते हैं.
राजीव महर्षि ने बताया कि ''स्मार्टफोन और एप यूजर्स में से लगभग 40 परसेंट लोग अपने डेटा चाहे-अनचाहे पूरी दुनिया यहां तक की सीआईए (सेंट्रल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) से शेयर करते हैं. यानी आपका डेटा दुनिया की सबसे बड़ी इंवेस्टिगेशन एजेंसी के पास है.'' ये बात महर्षि ने 21 जुलाई को संसद की स्टैंडिंग कमेटी के सामने रखी. इस कमेटी के अध्यक्ष कांग्रेस के बड़े नेता और अर्थशास्त्री पी. चिदंबरम हैं.
महर्षि ने उन एप्स को लेकर भी चिंता जाहिर की है जिनके जरिए यूजर्स की जानकारी चुराई जा रही है. साथ हीबायोमैट्रिक डाटा को भी चुराया जा रहा है. यूजर्स का डेटा CIA समेत पूरी दुनिया तक के पास पहुंच रहा है.
बीते दिनों सरकार ने भारतीय बाजारों में स्मार्टफोन मुहैया कराने वाली 21 कंपनियों से हैंडसेट के सुरक्षा उपायों का पूरा ब्यौरा मांगा था. इसके जवाब में जिन कंपनियों ने जानकारी मुहैया करायी है उनमें एचटीसी, श्योमी, कोमियो, विवो, लेनेवो, एचएमडी, एमटेक, इंटेक्स, वन प्लस, ह्यूवै, हॉनर और इन फोकस शामिल हैं. कंपनियों के लिए जानकारी 28 अगस्त यानी सोमवार तक देनी थी. फिलहाल, अभी ये पता नहीं कि कंपनियों ने अपने जवाब में क्या जानकारी दी है. ये जानकारी लेने के पीछे सरकार की सोच ये है कि हर हिंदुस्तानी का डाटा सुरक्षित रहे.