नई दिल्ली: जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक ने एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि वो फ्लिपकार्ट में अपनी 20 फीसदी से ज्यादा कि हिस्सेदारी को वॉलमार्ट को बेच रही है. आपको बता दें कि ये जानकारी कंपनी के स्पोकपर्सन ने दी. दरअसल, पिछले कई दिनों से सॉफ्टबैंक की हिस्सेदारी को लेकर असमंजस बना हुआ था. कंपनी के इस फैसले के बाद अब उन सभी अटकलों पर विराम लग गया है. आपको बता दें कि दोनों कंपनियों के बीच ये डील 400 करोड़ रूपये की हुई है.
2 हफ्ते बाद आया फैसला
जापानी टेलीकॉम और इंटरनेट पॉवरहाउस का ये फैसला तकरीबन 2 हफ्ते बाद आया है जब फ्लिपकार्ट की डील को लेकर कंपनी को शंका होने लगी थी कि सॉफ्टबैंक अंदर रहेगी या बाहर जाएगी. सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने वॉलमार्ट को स्टैक बेचने का फैसला इन्वेस्टर्स की सहमति से ही ली है.
आपको बता दें कि 9 मई 2018 को वॉलमार्ट ने इस बात की जानकारी दी कि वो फ्लिपकार्ट के 77% स्टैक पर कब्जा कर रहा है जिसके बदले वो उसे 1600 करोड़ रूपये की राशि दे रहा है. हालांकि बैंगलोर में नेस्पर, एक्कल और ईबे जैसे शेयरहोल्डर्स की पुष्टि के बाद ही इसपर फाइनल फैसला लिया गया. अगर सॉफ्टबैंक अपना हिस्सा नहीं बेचती तो वॉलमार्ट के पास फ्लिपकार्ट का बाकी बचा करीब 55 फीसदी हिस्सा होता .
2012 में किया था फ्लिपकार्ट में इन्वेस्ट
साउथ अफ्रीका की इंटरनेट और एंटरटेनमेंट कंपनी नेस्पर्स ने अगस्त 2012 में फ्लिपकार्ट में 61.6 करोड़ डॉलर इन्वेस्ट किया था. नेस्पर्स अपनी पूरी 11.8 फीसदी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को 2.2 अरब डॉलर में बेच रही है. वहीं, ईबे ने कहा है कि अपने हिस्से को करीब 1.1 अरब डॉलर बेच रही है.
हालांकि सॉफ्टबैंक अब जहां फ्लिपकार्ट से बाहर निकल रहा है. ऐसे में वो पेटीएम मॉल का इंवेस्टर बना रहेगा. वहीं रिपोर्ट के अनुसार ये भी कहा जा रहा है कि सॉफ्टबैंक पेटीएम मॉल में फंड को बढ़ा सकता है.