टिकटॉक ने जब से भारत में दस्तक दी है तभी से उस पर तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं. ताजा मामला टेकडाउन रिक्वेस्ट का है. साल 2016 के शुरूआती छह महीनों में भारत से 109 बार टेकडाउन रिक्वेस्ट पहुंचीं. 11 बार तो सरकार ने वीडियो हटाने को कहा.


टिकटॉक एक वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है जहां पर यूजर 15 सेकेंड से लेकर 60 सेकेंड तक के वीडियो अपलोड कर सकता है. वैसे तो अधिकतर वीडियो मनोरंजन वाले होते हैं लेकिन कुछ वीडियो ऐसे भी होते हैं जो एजुकेशन या मोटिवेशन से संबंधित होते हैं.


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टिवटॉक पर वर्टिकल फॉर्मेट के वीडियो डाले जाते हैं ताकि यूजर का अनुभव बेहतर बन सके. टिकटॉक की धमक का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस एप ने फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग तक को परेशान कर दिया है.


मार्क ने अपने डवलपर्स को ऐसा एप बनाने के लिए कहा है जो इनोवेशन में टिकटॉक का मुकाबला कर सके. टिकटॉक की लोकप्रियता को देखते हुए कई एप्स ने इसको कॉपी किया है और यूजर्स को वीडियो अपलोड के लिए तमाम ऑप्शन दिए हैं.


तमाम चुनौतियों के बाद भी जो जलवा टॉकटॉक का है वो किसी और का नहीं है. लेकिन इस एप पर डेटा चोरी से लेकर हिंसा और अश्लीलता भड़काने तक के आरोप लगते रहते हैं.


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आपको बता दें कि कई बार ऐसा देखा गया कि लोग हथियार आदि के साथ वीडियो बनाते हैं और टिकटॉक पर डाल देते हैं. ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें लड़कियों की फोटो के साथ छेड़छाड़ करके वीडियो बना दी गई.


पिछले दिनों पुलिसवालों के वीडियो भी वायरल हुए थे और कुछ ऐसे वीडियो भी वायरल हुए थे जिनमें भारत विरोधी बातें थीं. यही नहीं धर्म को निशाना बनाने वाले टिकटॉक वीडियो भी चर्चित हुए थे.


ऐसे वीडियो को रिपोर्ट किया जाता है और फिर टिकटॉक ऐसे वीडियो को डाउन कर देता है. बाइटडांस कंपनी के प्रोडक्ट टिकटॉक ने कई बार अपने यूजर्स खास तौर पर भारतीय यूजर्स को चिंतामुक्त रहने को कहा है.


भारत इसके सबसे बड़े बाजारों में से एक है और कंपनी ने कहा कि डेटा आदि को लेकर कोई चिंता की आवश्यकता नहीं है.