मुंबईः टेलीकॉम इंडस्ट्री की दिक्कतें इस साल भी दूर होती नहीं दिख रही हैं. चालू वित्त वर्ष में दूरसंचार कंपनियों के रेवेन्यू में 10 प्रतिशत की कमी आएगी और आखिरकार क्षेत्र में तीन टॉप टेलीकॉम कंपनियों के पास 85 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी होगी.


रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि हम दूरसंचार क्षेत्र में इंटिग्रेशन की उम्मीद कर रहे हैं. आखिर में तीन शीर्ष कंपनियों (वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और जियो) के पास बाजार का 75 से 85 प्रतिशत रेवेन्यू होगा.


रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में आक्रामक खेल कंपटिटर्स के लिए काफी महंगा बैठ रहा है. दूरसंचार कंपनियां बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की कड़ी प्रतिस्पर्धा में जमकर खर्च कर रही हैं.


रेटिंग एजेंसी के क्रेडिट विश्लेषक आशुतोष शर्मा ने कहा कि टेलीकॉम इंडस्ट्री के मौजूदा सीन में ‘हंगर गेम’मूवी के सभी तत्व हैं. बाजार में कंपटिशन, ताकत के इस्तेमाल और बाजार से कमजोर कंपनी के बाहर करने के खेल पर निवेशक, फाइनेंसर, विश्लेषकों सभी में बेचैनी है.


उन्होंने कहा कि टेलीकॉम इंजस्ट्री हमेशा से काफी प्रतिस्पर्धा है, जिसमें दूरसंचार कंपनियां बाजार हिस्सेदारी हासिल करने का प्रयास कर रही हैं. पिछले साल सितंबर में रिलायंस जियो के आने के बाद से कंपनियों पर दबाव और बढ़ा है.