नई दिल्ली: कार्बन मोबाइल के बाद अब इंटेक्स टेक्नॉलजी भी भारतीय स्मार्टफोन मार्केट और हैंडसेट बनाने वालों की लिस्ट से हमेशा के लिए बाहर हो सकती है. इसका मुख्य कारण चीनी कंपनियों का भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में दबदबा है. किसी समय भारतीय मार्केट में माइक्रोमैक्स के बाद ये कंपनी दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हुआ करती थी. उस समय कंपनी का मार्केट शेयर 13 प्रतिशत हुआ करता था लेकिन अब प्लांट पूरी तरह से बंद हो चुका है. जिससे एक बात तो साफ है कि कंपनी हमेशा के लिए भारत छोड़ रही है.
बता दें कि इससे पहले 'MILK' यानी की माइक्रोमैक्स (M), इंटेक्स (I), लावा (L)और कार्बन (K) ये चार भारत की बड़ी कंपनियां हुआ करती थी लेकिन अब इंटेक्स के चले जाने के बाद सिर्फ माइक्रोमैक्स और लावा ही बची हुई हैं. लेकिन इन कंपनियों की भी हालात उतनी ठीक नहीं है. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार, मिल्क प्लेयर मार्च तक सिर्फ 3 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ बचे थे.
वहीं 2015 में यही आंकड़ा 40 प्रतिशत का था. जहां अब 65 प्रतिशत हिस्सा चीनी स्मार्टफोन ब्रैंड्स का है. इंटेक्स कई महीनों से मार्केट में कोई नया फोन लॉन्च नहीं कर रही है तो वहीं सूत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि 500 करोड़ रूपये वाले निवेश यानी की ग्रेटर नोएडा वाले प्लांट को अब सेल के लिए रखा गया है. कंपनी ने इसमें कुल 1500 करोड़ रूपये का निवेश किया था जहां एक साल में 40 मिलियन फोन बनाने का टारगेट था लेकिन अब इस प्लांट की कोई जरूरत नहीं है.
इंटेक्स के डायरेक्टर केशव बंसल ने कहा है कि हमारा बिजनेस थोड़ा घट गया है. पूरे इलाके में ग्रेटर नोएडा वाला प्लांट सबसे अहम था. लेकिन अब हम मार्केट से बाहर जाने के बाद कुछ और ऑप्शन तलाश कर रहे हैं.
बता दें कि चीनी कंपनियां लगातार नए स्मार्टफोन बेहतरीन फीचर्स और कम दाम पर लॉन्च कर रही है. जिससे ये ब्रांड टक्कर नहीं दे पा रहे हैं. उसी का नतीजा है कि कंपनियों को कोई यहां फायदा नहीं हो रहा है और अब वो यहां से हमेशा के लिए बाहर जा रही हैं.