नई दिल्लीः रिलायंस जियो ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि भारत तकनीक को अपनाने के लिए तैयार नहीं है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने यह बात कही. जियो की सेवाओं के पांच सितंबर को एक साल पूरा होने के बाद कंपनी के कर्मचारियों को लिखे खत में अंबानी ने कहा, "पिछले एक साल में हमने कई रिकार्ड तोड़े हैं, भारत में भी और दुनिया में भी. लेकिन जो मुझे सबसे बड़ी निजी संतुष्टि है, वह यह कि यह मिथक टूट गया है कि भारत हाई तकनीक को अपनाने के लिए तैयार नहीं है."
रिलायंस जियो आरआईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी है. अंबानी ने कहा, "चुनौती न सिर्फ एक नई तकनीक को लॉन्च करने की है, बल्कि वास्तविक समय में इसे देशभर में ऑपरेट करने की भी थी."
सूत्रों के मुताबिक, देश में मोबाइल डेटा का इस्तेमाल 20 करोड़ जीबी हर महीने से बढ़कर 150 करोड़ जीबी हर महीने हो चुका है. कंपनी का दावा है कि 125 करोड़ जीबी डेटा जियो यूजर्स के द्वारा खपत की जाती है.
जियो ने 21 जुलाई को घोषणा की थी कि उसने महज 170 दिन में 10 करोड़ से ज्यादा ग्राहक जोड़े हैं. औसतन जियो ने हरेक दिन प्रति सेकेंड सात ग्राहक जोड़े.
अपने कर्मचारियों और उनके परिवारवालों का धन्यवाद करते हुए अंबानी ने कहा, "आपके प्रयासों से डिजिटल इंडिया एक हकीकत बना है, इससे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ा है."
कंपनी ने 21 जुलाई को जियोफोन की घोषणा की थी, जो 1,500 रुपये जमा करने पर मुफ्त मिलेगा.