बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही टिक टॉक पर एक मामले की सुनवाई करते हुए इस एप को बैन करने का आदेश केंद्र सरकार को दिया है. कोर्ट ने पाया था कि इस एप पर कई आपत्तिजनक वीडियो हैं, जो बच्चों के लिए सही नहीं हैं.
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह टिकटॉक के अपने उपयोक्ताओं को सुरक्षित और सहज महसूस कराने के प्रयासों का हिस्सा है. साथ ही टिकटॉक समाज के भीतर सही चीजें देकर उसे सशक्त करने का प्रयास करता है.’’
इसके अलावा टिकटॉक एप का उपयोग 13 साल की आयु से ऊपर के बच्चे ही कर सकेंगे. इसके लिए कंपनी ने एक अलग पैमाना बनाया है. कंपनी का कहना है कि यह अतिरिक्त सुरक्षा मानक है ताकि कम उम्र वाले उपयोक्ता इस एप का उपयोग ना कर सकें.
टिकटॉक के निदेशक (वैश्विक लोक नीति) हेलेना लेरच ने कहा, ‘‘एक वैश्विक समुदाय के तौर पर सुरक्षा टिकटॉक की प्राथमिकताओं में एक है. इन कदमों से हम अपने भारतीय उपयोक्ताओं के लिए अपने मंच को सुरक्षित और सकारात्मक बनाए रखने की प्रतिबद्धता को फिर से सुनिश्चित करेंगे.’’
कंपनी की ओर से यह घोषणा टिकटॉक सुरक्षा केंद्र खोले जाने के बाद की गई है. साथ ही कंपनी ने धमकी की गतिविधियों से निपटने के लिए हिंदी, गुजराती, मराठी, बंगाली, पंजाबी, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, मलयालम और उड़िया जैसी 10 स्थानीय भाषाओं में मदद के पेज भी शुरू किए हैं.
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