नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को हरेक टेलीकॉम कंपनी के लिए यह जरुरी कर दिया है कि वे दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स से इंटरकनेक्शन पॉइंट्स की अर्जी मिलने पर बिना किसी भेद-भाव के 30 दिनों के अंदर मुहैया कराना होगा. नियामक ने कहा, "अगर कोई सेवा प्रदाता इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उस पर प्रावधानों के अनुरूप जुर्माना लगाया जाएगा, जो एक लाख रुपये प्रतिदिन से तक होगा. "
ट्राई ने दूरसंचार इंटरकनेक्शन कानून, 2018 मंगलवार को जारी किया, जो एक फरवरी, 2018 से प्रभावी होगा.
टेलीकॉम इंडस्ट्री में इंटरकनेक्शन का मुद्दा उस समय काफी महत्वपूर्ण हो गया था, जब रिलायंस जियो ने बाजार में प्रवेश किया था. कंपनी ने पहले से मौजूद कंपनियों पर आरोप लगाया था कि वे उसे पर्याप्त इंटरकनेक्शन मुहैया नहीं करा रही हैं.
नियामक ने यह भी साफ किया कि प्राधिकरण की ओर से समय-समय पर जारी नियमों या दिशानिर्देशों के अनुसार सेट-अप फीस और इंफ्रास्ट्रक्चर फीस जैसे इंटरकनेक्शन फीस सेवा प्रदाताओं के बीच बातचीत से तय की जा सकती है.