नई दिल्ली: कॉल ड्रॉप को लेकर आम आदमी से पीएम मोदी तक सब परेशान हैं. कॉल ड्रॉप समस्या को रोकने के लिए ट्राई यानी टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया ने नया नियम लागू कर दिया है, जो आज से प्रभावी हो जाएगा, अब कंपनियों की ओर से कॉल ड्रॉप हुई तो टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भारी जुर्माना देना होगा.


बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से आवास तक पहुंचने के दौरान कॉल ड्रॉप का सामना करना पड़ता है, जिससे खुद प्रधानमंत्री को कॉल ड्रॉप की शिकायत करनी पड़ी. प्रधानमंत्री की सीधी शिकायत के बाद दूरसंचार विभाग ने अक्टूबर के पहले हफ्ते में टेलीकॉम कंपनियों की बैठक बुला ली है. ट्राई ने कहा कि अब बात करते-करते नेटवर्क गायब होने को ही कॉल ड्रॉप नहीं माना जाएगा, बल्कि बातचीत के दौरान आवाज सुनाई न देना, आवाज अटकना या नेटवर्क कमजोर होने जैसी समस्याओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा.


देना होगा 5 लाख का जुर्माना


आज से लागू नए कानून के अनुसार अब हर मोबाइल टावर से जुड़े नेटवर्क की हर दिन की सर्विस का मिलान होगा. साथ ही कॉल ड्रॉप को लेकर 5 लाख का जुर्माना लगेगा. जबकि हर महीने 2 फीसदी से ही कम कॉल ड्रॉप तकनीकी दायरे में आएगी और बाकी पर कंपनियों को जुर्माना देना होगा.


डेटा की वजह से कॉल ड्रॉप की समस्या


कॉल ड्रॉप की समस्या को लेकर टेलीकॉम कंपनियों ने अपनी राय रखी है. उनका मानना है कि कॉल ड्रॉप की सबसे ज्यादा समस्या ज्यादा डेटा इस्तेमाल के कारण होती है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंपनियों ने टॉवर पर अपने एंटिना लगा रखें हैं जिससे नेटवर्क में दिक्कत आती है. और ये इसलिए हो रहा है क्योंकि डेटा की खपत अब लोगों के बीच काफी ज्यादा हो गई है.


वहीं ये भी माना जा रहा है कि फ्री कॉल का इस्तेमाल आजकल काफी ज्यादा होने लगा है जो लोग अपने डेटा की मदद से कर रहें हैं. जबकि मोबाइल टॉवर की गिनती देखें तो ये काफी कम हैं जो हैं वो 2जी, 3जी है जिन्हें कंपनियां अब 4जी में अपग्रेड कर रहीं हैं. अगले 5 सालों में 120 फीसदी विस्तार की संभावना बताई गई है. ऐसे में कंपनियां वायस सर्विस से अधिक डेटा से जुड़े इन्फ्रास्ट्रचर को सुधारने पर जोर दे रही हैं.