नई दिल्लीः टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी वोडाफोन के भारत से कारोबार समेटने की अटकलें तेजी से फैल रही थीं. ऐसा कहा जा रहा था कि वोडाफोन जल्द ही यहां से अपना कामकाज बंद कर सकती है. हालांकि बता दें कि आज कंपनी ने इसके बारे में जवाब देते हुए कहा है कि उसके भारतीय बाजार से बाहर निकलने की खबरें केवल अफवाह हैं. उसने कहा कि वह भारतीय बाजार में निवेश बनाये रखेगी और मौजूदा चुनौतीपूर्ण दौर से निकलने के लिये सरकार से मदद मांग रही है.


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वोडाफोन समूह ने एक बयान में कहा, ‘वोडाफोन भारतीय मीडिया के कुछ हलकों में चल रही निराधार अफवाहों से अवगत है कि हमने भारतीय बाजार से निकलने का फैसला लिया है. हम यह कहना चाहेंगे कि यह सच नहीं है और ऐसी बातें दुर्भावनापूर्ण हैं.’ कंपनी ने कहा कि वह सरकार के साथ सक्रियता से संपर्क में है और इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत में (आईडिया के साथ अपने) जॉइंट वेंचर को संभाल रहे स्थानीय प्रबंधन को पूरा समर्थन दे रही है.



बता दें कि सु्प्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को करीब 40 हजार करोड़ रुपये का विधायी बकाया भुगतान करना पड़ सकता है.


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क्यों उठ रही थीं वोडाफोन के बंद होने की अटकलें
काफी समय से वोडाफोन को कारोबार में नुकसान उठाना पड़ रहा है और भारी कर्ज के कारण कंपनी अपना कारोबार बंद कर सकती है ऐसी खबरें टेलीकॉम सेक्टर में तैर रही थीं. हाल ही में वोडाफोन और आइडिया का मर्जर हुआ है. वहीं कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया को एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) पर फैसला दिया है और इसके मुताबिक कंपनी को तीन महीने में एजीआर के तौर पर 40,000 करोड़ रुपये देने होंगे. इसी को लेकर बीती 25 अक्टूबर को वोडा-आइडिया ने स्टॉक एक्सचेंज को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कंपनी पर बड़ा असर दिखा है. माना जा रहा था कि इसी के कारण कंपनी अपना कारोबार भारत से बंद करने की तैयारी में है लेकिन अब कंपनी ने अपनी स्थिति को साफ कर दिया है.


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वोडाफोन के शेयर एक साल के निचले स्तर पर
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के वोडाफोन को एजीआर पर दिए फैसले के बाद कंपनी का शेयर एक साल के निचले स्तर पर आ गया था.


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