इस पर सोशल मीडिया नेटवर्क ने शनिवार को कहा कि कंटेट मॉडरेशन को लेकर बहस तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए, ना कि उसे गलत दिखाया जाना चाहिए. द टाइम्स की रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया थी कि फेसबुक के मॉडरेटर्स को दिशा निर्देश देने के दस्तावेज 1,400 से ज्यादा पन्नों के हैं, जिसमें कई गलतियां हैं और पुरानी जानकारियां शामिल हैं.
फेसबुक ने इसके जवाब में कहा, "द टाइम्स ने सही कहा है कि हम लगातार अपनी नीतियों को दुनिया भर की बदलती सांस्कृतिक और भाषाई मानदंडों के हिसाब से अपडेट करते हैं, लेकिन जो तदर्थ प्रक्रिया अपनाने की बात कही गई है, वह पूरी तरह से गलत है."