वाशिंगटन: डेटा लीक और यूजर्स का प्राइवेसी को लेकर परेशानियों में घिरे फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कंपनी के ऑपरेशन के मामले में एक और मौका दिये जाने की मांग की. उन्होंने यह भी माना है कि कंपनी ने अपने यूजर्स की सूचना तीसरे पक्ष के साथ साझा कर गलती की है.


फेसबुक ने कहा कि करीब 8.7 करोड़ लोगों के आंकड़ों का लंदन स्थित राजनीति परामर्श कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ अनुचति तरीके से साझा किया गया. वर्ष 2004 में फेसबुक की स्थापना करने वाले जकरबर्ग ने फिर से चूक की बात स्वीकार की और कंपनी की अगुवाई के लिये एक और मौका दिये जाने की मांग की है.


उन्होंने कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘ मुझे एक और मौका दीजिए.’’ उनसे यह पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि वे अब भी कंपनी की अगुवाई के लिये बेहतर व्यक्ति हैं. उन्होंने जवाब में कहा हां.


फेसबुक पर आपके मैसेज प्राइवेट नहीं


फेसबुक ने गुरूवार को इस बात की पुष्टि की कि मैसेंजर से भेजे गए सभी मैसेज व फोटो को फेसबुक की टीम स्कैन करती है और सभी नियमों के अनुरूप होने पर ही उसे अलाउ करती है. कंपनी का मॉडरेटर किसी भी ऐसे संदेश की समीक्षा कर सकता है जो यूजर या सिस्टम द्वारा चिह्नित किया गया हो.


फेसबुक ने कहाकि वह मैसेज को एडवर्टाइजिंग या किसी दूसरे इस्तेमाल के लिए स्कैन नहीं करते हैं. फेसबुक मैसेंजर के प्रवक्ता ने कहा, “उदाहरण के लिए, मैसेंजर पर जब आप कोई फोटो भेजते हैं, तो हमारी स्वचालित प्रणाली फोटो मैचिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करके स्कैन करती है कि ताकि बाल शोषण इमेज, आपके द्वारा कोई भेजा हुआ लिंक या फिर मैलवेयर का पता लगाया जा सके''.