नई दिल्ली: मॉब लिंचिंग भारत में एक ऐसा टर्म हो गया है जो आए दिन न्यूज चैनलों और अखबारों में दिख रहा है. इस शब्द 'मॉब लिंचिंग' को लेकर भारत में गूगल सर्च ट्रेंड एक नई कहानी बयां कर रहा है. कब लोगों ने इस शब्द को लेकर सर्च शुरू किया और कब इसे लेकर सबसे ज्यादा सर्च किया गया और किन-किन शहरों में इसे लेकर सबसे ज्यादा सर्च हुए ये सभी आंकड़े गूगल के पास हैं. इन आंकड़ों से ये साफ होता है कि जुलाई 2018 मॉब लिंचिंग से जुड़े सर्च के मामले में सबसे आगे है. यानी इस महीने मॉब लिंचिंग को लेकर गूगल पर अबतक सबसे ज्यादा सर्च किए गए.


साल 2015 से शुरु हुई लिंचिंग को लेकर सर्च
गूगल के सर्च ट्रेंड के मुताबिक हालिया सालों में मार्च 2015 में सबसे पहले लिंचिंग को लेकर सर्च शुरू हुई. ये सर्च इस लिए शुरू हुआ क्योंकि मार्च 2015 में नागालैंड के दीमापुर से मॉब लिंचिंग की एक घटना सामने आई. इस घटना में 6 से 7 हजार की भीड़ ने एक रेप आरोपी को जेल से बाहर निकाल कर इतना पीटा की उसकी मौत हो गई. हालांकि, साल 2011 में भी लिंचिंग को लेकर गूगल सर्च हुआ, लेकिन उसकी इंटेनसिटी बहुत ही कम थी.


इसके बाद 'मॉब लिंचिंग' को लेकर सर्च सितंबर 2015 में किया गया. ये वो वक्त था जब ज्यादातर भारतीयों ने पहली बार इस टर्म को सुना. नोएडा के करीब दादरी में अखलाक नाम के एक शख्स को भीड़ ने पीटकर मौत के घाट उतार दिया. भीड़ ने ये हैवानियत इस शक के बिनाह पर दिखाई कि अखलाक के घर गोमांस है. उत्तर भारत में ये पहली ऐसी लिंचिंग की घटना थी जिसने देश ही नहीं दुनिया में सनसनी फैलाई.



इसके बाद कई बार लिंचिंग को लेकर सर्च बढ़े लेकिन गूगल ट्रेंड की मानें तो सबसे ज्यादा सर्च मौजूदा वक्त में लिंचिंग को लेकर किए जा रहे हैं. मई के अंत से अब तक एक के बाद एक कई लिंचिंग के मामले सामने आ चुके हैं और जुलाई में ये सर्च अबतक के सबसे अधिकतम पायदान पर है.

किन-किन राज्यों में सबसे ज्यादा सर्च


'मॉब लिंचिंग' सर्च के मामले में सबसे ज्यादा सर्च झारखंड में किए गए. दूसरे नंबर पर है असम. वहीं तीसरे नंबर पर उत्तराखंड फिर उत्तरप्रदेश और पांचवें नंबर पर हरियाणा राज्य है. हाल ही में हरियाणा के मेवात रहने वाले रकबर नाम के एक शख्स को गो-तस्कर होने के शक में  राजस्थान के अलवर में मार दिया गया.


बता दें 1 जुलाई को महाराष्ट्र के धुले में हुई मॉब लिंचिंग ने पूरे देश को तो हिलाया ही नहीं, बल्कि ये ऐसा मामला रहा जिसने भीड़ की हत्याओं पर सरकार की नींद तोड़ी. सरकार ने इसे रोकने के लिए अफवाहों पर कंट्रोल करने के इरादे से व्हाट्सएप को नोटस भेजे. गृहमंत्रालय ने राज्यों को ऐसी घटानाओं को रोकने के निर्देश दिए.


सुप्रीम कोर्ट भी सरकार से मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए फटकार लगाई है और एक पूरा मॉडल समझाया है जिसकी मदद से केंद्र और राज्य के साथ मिलकर इन घटनाओं को रोकें.