नई दिल्ली: PUBG यानी की प्लेयर अननोन्स बैटलग्राउंड्स (PUBG) एक ऐसा ऑनलान गेम जिसे सबसे पहले पीसी, iOS और एक्सबॉक्स वर्जन पर लॉन्च किया गया था लेकिन अब इसे फोन पर भी लॉन्च किया जा चुका है. जैसे ही ये गेम फोन में आया सबसे पहले इसने उन बच्चों को टारगेट किया जो छोटी उम्र के हैं और ऑनलाइन गेमिंग के शौकीन हैं. लेकिन इस गेम में जैसे जैसे अपडेट आते गए ये गेम बड़े लेवल पर पहुंच गया और अब कई युवा इस गेम को लेकर काफी क्रेजी हो चुके हैं. इस गेम ने जैसे ही बाजार में अपनी एंट्री की बाकी सभी गेम मार्केट से गायब हो गए. यानी की अब बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी इस गेम के पीछे पागल हो चुके हैं.


पीएम मोदी तक पहुंचा PUBG?


ऑनलाइन गेम्स से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसका एक उदाहरण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में देखने को मिला. दरअसल कार्यक्रम में एक छात्र की मां ने बताया कि ऑनलाइन गेम्स खेलने की वजह से उनके बच्चे की पढ़ाई प्रभावति हो रही है. महिला ने बच्चे की पढ़ाई को लेकर पीएम मोदी से सलाह मांगी थी. बच्चे की मां को जवाब देते हुए पीएम मोदी ने पूछा- ‘ये PUBG वाला है क्या?’ महिला के सवाल करने के बाद पीएम मोदी ने पूछा, ‘’ ये PUBG वाला है क्या?’

महिला ने पीएम मोदी से क्या पूछा था?


मधुमिता सेन गुप्ता नाम की इस महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा, ‘’मेरा बेटा कक्षा 9वीं का छात्र है. पहले मेरा बेटा पढ़ाई में बहुत अच्छा था. टीचर्स भी उसको पसंद करते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से ऑनलाइन गेम्स की तरफ उसका झूकाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. जिसके कारण उसकी पढ़ाई पर फर्क पड़ रहा है. मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन लगता है मैं असफल हूं. कृप्या मेरा मार्गदर्शन कीजिए कि मैं इस स्थिति को कैसे संभालूं?



आखिर कैसे मशहूर हुआ PUBG?


आप अगर किसी भी हाइटेक गेम को खेलते हैं तो आपको पीसी या एक्सबॉक्स की जरूरत होती है तो वहीं इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलर या कह लें गेमिंग कंसोल से भी इस तरह के गेम को खेलना पड़ता है. साथ में इन गेम्स में आपको पार्टनर की भी जरूरत पड़ती है. लेकिन पबजी ने इस सबको डिलीट करते हुए मोबाइल पर ये गेम लॉन्च किया. जहां आपको सिर्फ इंटरनेट कनेक्शन और इयरफोन की जरूरत होती है. बस फिर क्या इन दो चीजों की मदद से आप कई सारे लोगों से इंटरनेट कॉल के जरिए जुड़ जाते हैं और एक ऐसी दुनिया में एंट्री कर लेते हैं जहां से निकलना नामुमकिन हो जाता है.



युवाओं में ऑनलाइन गेम्स को लेकर दीवानगी बढ़ती ही जा रही है. कोई भी नया गेम इंटरनेट पर वायरल होता है तो स्मार्टफ़ोन यूज़र उसे डाउनलोड करने लग जाते हैं. इस समय बच्चों और युवाओं में ‘पबजी गेम’ काफी छाया हुआ है. दिन-रात इस गेम को खेलकर बच्चों और युवाओं को इसकी लत लग चुकी है. गूगल प्लेस्टोर से अब तक इस गेम को 50 मिलियन से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है. इस आंकड़े से ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि स्मार्टफ़ोन यूजर्स के बीच इसकी कितनी लोकप्रियता है.


कैसे खेला जाता है ये खतरनाक गेम?


ये खेल 99 खिलाड़ियों के साथ एक विमान से एक द्वीप पर पैराशूट की मदद से शुरू होता है. इसके बाद खिलाड़ी एक बंद सर्कल में ठहरकर एक दूसरे का पीछा करते हैं और फिर इमारतों को गिराया जाता है. संसाधन होते हैं, कारतूस, हथियार की लूटपाट और दूसरों को मारने से आप अगले लेवल में पहुंचते हैं तो वहीं आपकी रैंकिंग भी बढ़ती है. ये खेल बंदूक उठाकर दूसरों को मारने से कई ज्यादा है. यहां जीत पर चिकन डिनर मिलता है. विजेता को इनाम के रुप में फैंसी नाम दिए जाते हैं. इस गेम में बंदूक, ब्लास्ट की आवाज, खून खराबा, दूसरों को बेवकूफ बनाकर मारना, पैराशूट से उतरकर एक सर्कल में अपने दोस्तों की मदद से खेलना या सारी चीजें इस गेम का हिस्सा है और फिर अंत में जब 10 से 15 लोग बच जाते हैं तब गेम एक खतरनाक लेवल पर पहुंच जाता है. आसान शब्दों में कहें तो ये खेल आपको तब तक संतुष्ट नहीं करता जब तक आप पूरे लोगों को मार नहीं देते. ये एक हिंसक खेल है जो छोटी उम्र के बच्चों को एक अलग राह पर लेकर जा रहा है जो काफी डरावना है.



बता दें कि इसकी निर्माता टेन्सेंट गेम्स और पबजी कापोर्रेशन ने ओपो पबजी मोबाइल इंडिया सीरीज 2019 की घोषणा की हैं जो कि भारत में आयोजित होने वाला पहला आधिकारिक ओपन-टू-ऑल टूर्नामेंट होगा. इस सीरीज के विजेता को 1 करोड़ रुपये की ईनामी राशि दी जाएगी.


बढ़ती जा रही है इस गेम की लत


इस पबजी गेम की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही अब बच्चों और युवकों को इसकी लत लगती जा रही है. युवा बिना खाए-पिए इस गेम को लगातार खेल रहे हैं और कुछ तो खाना खाते हुए भी यह खेल खेल रहे हैं और यूट्यूब पर इससे संबंधित वीडियो देख रहे हैं. यहां तक कि कुछ यूज़र इस गेम के लिए अपनी नींद की कुर्बानी दे रहे हैं, जिसका असर उनके शरीर पर देखने को मिल रहा है.



कैसे युवाओं को टारगेट कर रहा है ये गेम


‘पबजी गेम’ में कई तरह के हाईटेक फीचर दिए गए हैं. इस ऑनलाइन गेम में अट्रैक्टिव ग्राफिक्स, पॉवरफुल साउंड और मोशन सेंसरिंग टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया गया है. यह एक मिशन गेम है, जिसे आए हुए कुछ दो महीने से ज्यादा हुए हैं और बहुत ही कम समय में यह इतना ज्यादा लोकप्रिय हो गया है. यह एक प्रकार का एक्शन गेम है, इस वजह से भी यंगस्टर्स और बच्चे इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. गेम में यूजर्स इंटरनेट की मदद से जुड़ जाते हैं और इस गेम का आनंद लेते हैं.


PUBG के बारे में क्या कहते हैं आजकल के युवा?


अंकित कुमार इंजिनियरिंग के छात्र हैं और पिछले साल ही उन्होंने इंजिनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया है. अंकित ने इस गेम को लेकर कहा कि, ' इस खेल को खेलने का अपना एक अलग ही मजा है. आपको अपने दोस्तों की मदद से इस खेल के बारे में पता चलता है और फिर जैसे ही आप इस खेल को खेलना शुरू करते हैं आप इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं. धीरे धीरे ये आपके फ्री समय में गेम खेलने पर मजबूर करता है. यानी की अगर आप कुछ नहीं कर रहें तो आप PUBG खेल सकते हैं.'


हिमांशु एक स्टूडेंट हैं जो दिन रात ये खेल खेलते हैं, हिमांशु का कहना है कि, ' जब मैंने ये खेल खेलना शुरू किया तो मैं जल्द ही मर जाता था. लेकिन फिर मैंने अपने दोस्तों से बात की और अब मैं काफी अच्छा खेलता हूं. इस खेल के कारण मैं कई बार अपना खाना भूल जाता हूं. अगर आपके पास कई सारे दोस्त हैं तो आप इस खेल को दिन रात खेल सकते हैं. मैं अगर ये गेम एक दिन भी न खेलूं तो मुझे अजीब सा लगने लगता है. वहीं मैं हमेशा जीतना चाहता हूं. जिसे देखते हुए मैं लगातार 4,6 घंटों तक इस गेम को खेलता हूं.''



अभिषेक सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उनका कहना है कि,' मुझे इस खेल के बारे में पता था लेकिन मैंने कभी खेला नहीं. एक दिन मैंने इस खेल को ट्राइ किया और आजतक मैं इस गेम को खेलता हूं. ये खेल अब मेरे लिए तैयारी के साथ एक और फ्री टाइम का जरिया बन चुका है. यानी की अब मैं दिनभर तैयारी करता हूं और रातभर खेलता हूं. मुझे रैंकिंग और लेवल अप को लेकर इस गेम से एडिक्शन हो गई है. वहीं जैसे जैसे अपडेट्स आ रहें हैं ये गेम मेरे लिए और रोचक होता जा रहा है.


सागर वैद फिलहाल 12वीं क्लास में हैं और रोजाना ये खेल खेलते हैं. उनका कहना है कि हमने सभी दोस्तों ने इस खेल को एक साथ शुरू किया था और आज सब एक साथ खेलते हैं. मैं ट्यूशन से आकर इस खेल को खेलने लगता हूं जिस कारण कई बार मेरा होमवर्क भी मिस हो चुका है. ये खेल अब मेरे लिए सभी खेल से ऊपर है. मुझे अब दिन रात अपने फोन में इस खेल को खेलना पसंद आता है. कई बार मुझे अपने माता पिता से तानें और डांट सुनने को मिला है लेकिन फिर भी मैं इस गेम को नहीं छोड़ सकता.'



PUBG से हो चुकी है हत्या


बता दें कि कुछ महीने पहले अपने माता-पिता और बहन की कथित रूप से हत्या करने के लिए गिरफ्तार किए गए 19 साल के युवक को ऑनलाइन गेम 'पबजी' खेलने की लत थी और उसने महरौली में किराये पर एक कमरा लिया था जहां वह कक्षा से नदारद होकर अपने दोस्तों के साथ समय बिताता था और PUBG खेलता था. सूरज उर्फ सरनाम वर्मा ने कथित रूप से बुधवार को तड़के अपने पिता मिथिलेश, मां सिया और बहन की हत्या कर दी और इसके बाद घर में लूटपाट की ताकि ऐसा लगे कि यह डकैती की घटना है. ऐसा तब हुआ जब इस बच्चे को इसके मां बाप ने ये गेम खेलने से रोका. तो आप समझ सकते हैं जिस खेल में मारपीट, बंदूक, खून खराबा है और जो आपके बच्चों को लगातार कई घंटों तक व्यस्त करके रख रहा है वो खेल कितना खरनाक हो सकता है.