फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि उनकी कंपनी व्हाट्सएप्प, इंस्टाग्राम और मैसेजंर के विलय के बारे में सोच रही है. जुकरबर्ग के इस बयान के बाद से सबसे बड़ा सवाल व्हाट्सएप्प इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को लेकर खड़ा हो रहा है. फेसबुक की ओर से बताया गया है कि वह यूजर्स के डेटा की सुरक्षा के लिए एंड टू एंड एन्क्रिप्शन पर काम कर रही है.
बता दें कि एंड टू एंड एन्क्रिप्शन का मतलब होता है कि कोई भी इंसान उन मैसेज को देख नहीं सकता है. व्हाट्सएप्प पर पहले ही एंड टू एंड एन्क्रिप्शन के तहत यूजर्स का डेटा सुरक्षित रहता है. लेकिन फेसबुक पर यह सुविधा लेने के लिए यूजर्स को सिक्योर मैसेज का विकल्प चुनना पड़ता है. अभी तक फेसबुक ने इंस्टाग्राम पर एंड टू एंड एन्क्रिप्शन की कोई सुविधा नहीं दी है.
विलय के बारे में बात करते हुए जुकरबर्ग ने कहा, ''ये तीनों एप अलग-अलग ही रहेंगे और उनकी कोशिश है कि सभी प्लेटफॉर्म पर एंड टू एंड एन्क्रिप्शन लाया जाए.'' हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि तीनों एप के विलय के बाद एंड टू एंड एन्क्रिप्शन किस तरह से काम करेगा. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह एक लंबी प्रक्रिया है. बदलाव के बाद फेसबुक का यूजर किसी ऐसे शख्स को मैसेज करता है जो कि सिर्फ व्हाट्सएप पर है तो उसका मैसेज एंड टू एंड एन्क्रिप्शन में रहेगा.
इसलिए है प्राइवेसी पर खतरा
मैसेजिंग सर्विस को रेगुलेट करने वाले नियमों की वजह से भी फेसबुक को यह विलय करते हुए मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि फेसबुक के एक पुराने सिक्योरिटी इंजिनियर का मानना है कि यह कदम लोगों के डेटा की सुरक्षा के लिए अच्छा साबित हो सकता है.
लेकिन कई टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेसबुक इस डेटा का इस्तेमाल ज्यादा विज्ञापन के लिए कर सकता है. इस विलय में एक समस्या यह भी है कि मैसेंजर पर कोई भी शख्स बिना किसी आईडी या मोबाइल नंबर के किसी से जुड़ सकता है. इस विलय से लोगों के फोन नंबर की सुरक्षा पर भी खतरा बन सकता है.