नई दिल्ली: भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो रोजाना व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करते हैं. तो वहीं व्हॉट्सएप के लिए भी भारत सबसे बड़ा मार्केट है. हालांकि फेसबुक अधिकृत मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हॉट्सएप और भारत सरकार के बीच कई दिनों ने तनातनी चल रही है. कारण है फेक न्यूज. जहां एक तरफ सरकार व्हॉट्सएप से कई बार इस मुद्दे को लेकर बात कर चुकी है तो वहीं व्हॉट्सएप भी इस पर अलग अलग कारगर तरीके निकाल रही है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर व्हॉट्सएप और सरकार के बीच की कहानी अभी तक कहां पहुंची है.


कैसे हुई शुरूआत


देश में व्हॉट्सएप के जरिए भेजे गए मैसेज और कुछ अफवाहों के कारण भीड़ द्वारा हत्या के कई मामले सामने आने के बाद सरकार ने कंपनी को दो नोटिस भेजे.


सरकार ने क्या कहा


आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया था कि, '' व्हॉट्सएप को हमने एक नोटिस भेजा. लिंचिंग आदि की घटनाओं में व्हॉट्सएप के ज़रिए पिछले दिनों काफ़ी उकसावे का काम हुआ है. व्हॉट्सएप को उत्तरदायी और सावधान रहना है. उनको अपने प्लेटफ़ॉर्म के प्रति ज़िम्मेदार होना होगा. वो ये नहीं कह सकते कि हमने तो प्लेटफ़ॉर्म बना दिया हम क्या करें? व्हॉट्सएप ने कैलिफ़ोर्निया से जवाब दिया है और हमें आश्वस्त किया है कि वो सावधानी के लिए नए फ़ीचर लाएंगे ताकि बिना पढ़े मेसेज फ़ारवर्डिंग को चेक किया जा सके और भड़काऊं मैसेज को रोका जा सके.


व्हॉट्सएप का बयान


देश में बढ़ते फेक न्यूज के परिणाम पर व्हॉट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, ''व्हॉट्सएप लोगों की सुरक्षा और उनके स्वतंत्र कम्यूनिकेशन का ख्याल रखता है. हम नहीं चाहते कि व्हॉट्सएप को नुकसान पहुंचाने वाले सर्विस के तौर पर इस्तेमाल की जाए. ये एक ऐसा चैलेंज है जो कंपनी और समाज को संबोधित करना है.'' कंपनी ने आगे कहा कि जल्द ही ऐसी व्यवस्था होगी जिसके तहत फेक मैसेज को पहचाना जा सकेगा. व्हॉट्सएप ने आगे कहा कि जब भी कोई व्यक्ति कोई मैसेज भेजेगा तो अलग से हाईलाइट होगा और पहचाना जा सकेगा की वो सही मैसेज है या फेक.


सरकार के जरिए व्हॉट्सएप को दूसरी चेतावनी


अपनी दूसरी चेतावनी में सरकार ने कहा था कि मंत्रालय का मानना है कि व्हॉट्सएप ने भीड़ को उकसाने वाले फर्जी संदेशों पर लगाम लगाने के मामले में सरकार की सभी आपत्तियों को दूर नहीं किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि सरकार अगले कुछ दिनों के भीतर फिर से व्हॉट्सएप कंपनी से पूछताछ कर सकती है.


मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि , ‘‘ इससे पहले की प्रतिक्रिया से पूरी तरह संतुष्टि नहीं मिली है. ’’ उन्होंने कहा कि आईटी मंत्रालय को व्हॉट्सएप से और उम्मीदें हैं और वह मामले को देख रही है. उन्होंने कहा था कि इसमें 2-3 दिन लग सकते हैं. अधिकारी ने कहा था कि , ‘‘ मंत्रालय को लगता है कि अभी और किए जाने की जरूरत है. उन्होंने सभी आपत्तियों को दूर नहीं किया है. ’’व्हॉट्सएप ने इस मामले में भेजे गये ई-मेल का जवाब नहीं दिया है.


व्हॉट्सएप का जवाब


सरकार चाहती है कि व्हॉट्सएप ऐसा समाधान विकसित करे जिससे फेक और झूठे मैसेज प्रसारित करने वाले मूल सोर्स का पता लगाया जा सके. इस बारे में व्हॉट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह का सॉफ्टवेयर बनाने से एक सिरे से दूसरे किनारे तक मैसेज प्रभावित होगी और व्हॉट्सएप की निजी प्रकृति पर भी असर पड़ेगा. ऐसा करने से इसके दुरुपयोग की और संभावना पैदा होगी. ‘‘हम अपने सिक्योरिटी को को कमजोर नहीं करेंगे.’’


सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि व्हॉट्सएप को तकनीकी रूप से तलाश जारी रखनी चाहिए ताकि किसी तरह के भड़काऊ संदेशों के प्रसार की स्थिति में इसके सोर्स का पता लगाया जा सके.


मंत्रालय चाहती है व्हॉट्एप फेक मैसेज को लेकर हो गंभीर


मंत्रालय यह भी चाहता है कि कंपनी भारतीय कानूनों के अनुपालन के बारे में गंभीर से सोचे. साथ ही कंपनी अपने व्यापक नेटवर्क के साथ शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करे. इसके अलावा मंत्रालय इस बात पर भी जोर दे रहा है कि व्हॉट्सएप भारतीय कानूनों के अनुरूप निश्चित समयसीमा में एक स्थानीय कॉरपोरेट इकाई स्थापित करे. पिछले कुछ महीनों के दौरान व्हॉट्सएप के मंच से कई फेक मैसेज का प्रसार हुआ है जिससे भारत में भीड़ की पिटाई से लोगों की हत्या की घटनाएं हुई हैं. इसको लेकर कंपनी आलोचनाओं का सामना कर रही है.


व्हॉट्सएप के प्रमुख क्रिस डेनियल्स इसी सप्ताह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मिले थे. प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा था कि सरकार ने व्हॉट्सएप से स्थानीय कॉरपोरेट इकाई स्थापित करने और फेक मैसेज सोर्स का पता लगाने को प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करने को कहा है. हालांकि, इसके साथ ही प्रसाद ने फेसबुक की कंपनी व्हॉट्सएप के भारत की डिजिटल कहानी में योगदान की सराहना भी की है. बैठक के बाद डेनियल्स ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. देश में अगले साल आम चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्वीटर और व्हॉट्सएप से फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है.


दुनियाभर में व्हॉट्सएप के यूजर्स की संख्या डेढ़ अरब है. भारत कंपनी के लिए सबसे बड़ा बाजार है. यहां व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या करीब 20 करोड़ से अधिक है.