नई दिल्लीः दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी और तकनीक की दुनिया का बड़ा नाम एपल ने अप्रैल -जून की तिमाही में उम्मीद से बेहतर लाभ कमाया है, इस अवधि में कंपनी ने 53.3 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू और 11.5 बिलियन लाभ कमाया है. भारत में एपल प्रोडक्ट की सेल में गिरावट के बाद ये आंकड़े सामने आए हैं, भारत एपल के कुल रेवेन्यू में  5.9 फीसदी  का योगदान करता है. आबादी के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश और आईफोन के बढ़ते क्रेज के बावजूद एपल की भारत में गिरती सेल कंपनी के रेवेन्यू को ज्यादा प्रभावित नहीं करती है.


आखिर क्यों एपल के लिए भारत ज्यादा मायने नहीं रखता


भारत में एपल का बेस्ट सेलिंग मॉडल आईफोन 6 है जिसे कंपनी ने 6 साल पहले लॉन्च किया था. ये मॉडल कई देशों में बंद किए जा चुके हैं,  इसकी कीमत 30000 रुपये है जो कि एपल के अन्य प्रोडक्ट के मुकाबले काफी कम है. इस तिमाही में एपल की सेल में 1 फीसदी बिक्री के मे बढोतरी हुई है लेकिन इससे कंपनी के रेवेन्यू में 20% का इजाफा हुआ है.  एपल ने इस साल प्रीमियम आईफोन X की बिक्री की जिसकी कीमत अमेरिकी बाजार में 1000 डॉलर और भारत में 89000 रुपये से शुरु होती है.


बिक्री के मामले में एपल के लिए अमेरिका, चीन, यूरोप, चीन और जापान सबसे बड़े मार्केट हैं.  भारत में एपल ने अपनी सेल स्ट्रेटजी में हाल ही में बदलाव किया और अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स के मामले में बदलाव किया है और कई सारे रिटेलर्स को बाहर किया गया है.


एपल की आय का दूसरे सबसे बड़ा स्रोत है एपल स्टोर से खरीदारी. एपल स्टोर में कई सारे एप और गेम फ्री में उपलब्ध नहीं होते इसके लिए यूजर को एक तय राशि चुकानी होती है. जब भी कोई एप या गेम यूजर खरीदता है तो एपल को इसका तय हिस्सा मिल जाता है.  भारत में महज 10 फीसदी यूजर ही एप खरीदते हैं.  ऐसे में यहां भी एपल को भारतीय बाजार से कुछ खास फायदा नहीं होता.


CyberMedia की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग 10 मिलियन आईफोन यूजर्स हैं और एक साल में इसका एवरेज शिपमेंट तीन मिलियन है.  भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 10000 रुपये की कीमत तक के फोन का बोलबाला है जिसके कारण चीनी कंपनी शाओमी और दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग इस मार्केट के बड़े प्लेयर्स है.


एपल कंपनी की कीमत 1 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच चुकी है, बुधवार को एपल के स्टॉक में 5.9% का उछाल दर्ज किया गया.