नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग Zoom App बहुत तेजी से पॉपुलर हुआ है. लोग ऑफिस की मीटिंग्स, टीचर्स ऑनलाइन क्लासेस के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी बीच जूम ऐप के लिए गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर इसी ऐप के यूजर्स को इसके इस्तेमाल के लिए आगाह किया था. वहीं अब ऐप की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया दी गई है.


अब हम आपको बताते हैं वो कारण जिसकी वजह से यह ऐप शक के दायरे में आया है


1- कुछ दिन पहले ही उस वक्त इस ऐप के हैक होने को लेकर बड़ा सवाल उठा जब ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (BARC) की मीटिंग को बीच में ही रोक दिया गया. इस मीटिंग को रोकने की वजह यह थी कि कुछ हैकर्स ने ऐप की चैट विंडो का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था.


2-Cert-In ने बताया था कि Zoomके जरिए साइबर क्रिमिनल्स यूजर की निजी जानकारी चुरा सकते हैं.


3- इसका इस्तेमाल करना भी थोड़ा रिस्की है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर इसके जरिए वीडियो कॉल करने वालों को इसकी जानकारी न हो तो कोई भी व्यक्ति उस मीटिंग में बिना आपकी मर्जी के ज्वाइन कर सकता है.


4- Zoom ने भी एक ऐसी बात कही थी जो इस ऐप के हैक होने को लेकर शक पैदा करती है. जूम ने कहा था कि उसके प्लेटफॉर्म पर की जाने वाली कोई भी मीटिंग एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड नहीं होती है. ऐसे में वीडियो कॉल को किसी थर्ड पार्टी द्वारा डिक्रिप्ट किया जा सकता है.


क्या हैकर्स से है खतरा, जूम ने दी ये प्रतिक्रिया


जूम ऐप ने दावा किया है कि ऐप यूजर की सिक्योरिटी को बहुत गंभीरता से लेता है. कंपनी के सीईओ का कहना है कि इस बारे में यूजर्स को भरोसा दिलाते हैं कि वे अपनी प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए 90 दिनों की फीचर फिक्स की मदद से इन समस्या से पार पा लेंगे.ऐप के प्रवक्ता ने कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय सेवा कंपनियों और टेलीकॉम कंपनियों से लेकर गैर-सरकारी संगठनों और सरकारी एजेंसियों तक बड़ी संख्या में ग्लोबल एजेंसीज ने हमारी सुरक्षा को परखा है और इस ऐप का इस्तेमाल जारी रखा है.


सरकार ने जारी की थी एडवाइजरी


इससे पहले गृह मंत्रालय ने इस ऐप को लेकर एडवाइजरी जारी की थी. सरकार ने ये एडवाइजरी उन लोगों ने के लिए जारी की जो लोग इस ऐप का इस्तेमाल निजी काम के लिए करते हैं. अपनी एडवाइजरी में गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये ऐप सोशल मीडिया का सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है.