नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट ने साल 2015 में यूजर्स के लिए विंडोज 10 को रोलआउट किया था. इसके बाद नए ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए यूजर्स को कई सारे जरूरी अपडेट्स भी दिए गए. लेकिन इतने सारे अपडेट्स के बाद भी विंडोज 10 को सबसे मशहूर डेस्कटॉप ओएस बनने में तकरीबन 3 साल से ज्यादा का वक्त लग गया. इससे पहले विंडोज 7 तकरीबन 9 साल तक पहले पायदान पर रहा था.


विंडोज 7 को साल 2009 में लॉन्च किया गया था तो वहीं इसका इस्तेमाल दुनियाभर में कई करोड़ों लोगों ने भी किया. लेकिन अब सभी यूजर्स को नए ऑपरेटिंग सिस्टम में अपग्रेड करना होगा. अपनी वेबसाइट पर खबर का एलान करते हुए रेडमॉंड आधारित सॉफ्टवेयर ने कहा कि 14 जनवरी 2020 के बाद वो किसी भी तरह का सिक्योरिटी अपडेट अपने यूजर्स को नहीं देगा. ये उन लोगों के लिए भी है जिनके सिस्टम अभी भी विंडोज 7 पर काम कर रहे हैं.


वहीं कंपनी ने ये भी कहा कि 14 जनवरी 2020 के बाद यूजर्स विंडोज 7 का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं जो लोग फ्रेश अपडेट्स के साथ इसे अपने पीसी में डालना चाहेंगे वो भी ऐसा कर सकते हैं. लेकिन यहां पर एक खतरा ये है कि बिना किसी अपडेट के इसका इस्तेमाल वायरस को बुलावा देगा. इसलिए कंपनी यूजर्स को विडोज 7 से विंडोज 10 में अपग्रेड करने पर जोर दे रही है.