नई दिल्ली: वर्ल्ड वाइड वेब का एक ऐसा हिस्सा होता है जहां सारे गैरकानूनी काम किए जाते हैं. इस बीच एक हिस्सा ऐसा भी होता है जहां आपकी प्रोफाइल सेल के लिए उपलब्ध है. और ये प्रोफाइल न सिर्फ हैकर और क्रूक खरीद रहे हैं बल्कि कंपनी और मार्केट रिसर्चर्स भी इस डेटा को खरीद रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है इसे खरीदने के लिए इन कंपनियों को कितने पैसे चुकाने पड़ते हैं. सिर्फ 140 रूपये. जी हां आपके एक अकाउंट और पासवर्ड की कीमत यहां सिर्फ 140 रूपये है.


डार्क वेब को आप रेगुलकर ब्राउजर की मदद से नहीं चला सकते. सिर्फ टॉर, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से ही इसे एक्सेस किया जा सकता है. और इस जगह हैकर्स यूजर्स के अकाउंट की जानकारी, पासवर्ड, टेलीफोन नंबर और इमेल आइडी सेल के लिए रखते हैं.


बता दें कि इन डेटा की तलाश साइबरअटैक वाले लोग करते हैं तो वहीं वो लोग भी जिन्हें मुफ्त में वीडियो स्ट्रिमिंग सर्विस की तलाश होती है. इस दौरान नॉर्मल यूजर्स इन चीजों के पैसे देते हैं तो वहीं ये उन चीजों को एक तरह से हैक कर इसका इस्तेमाल करते हैं.


लेकिन यहां सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि कई कंपनियां अपने टक्कर वाली कंपनियों के डेटा का तलाश करती है जिसमें सबसे बड़े टारगेट यहां काम कर रहे कर्मचारी होते हैं.
बता दें कि हैकर्स का एक ग्रुप जहां डेटा को लीक करता है तो वहीं दूसरा इसे सुरक्षित करता है और तीसरा ग्रुप इसे इकट्ठा कर सेंट्रल सर्वर में भेजता है जहां से सभी डेटा लीक होते हैं. यहां हैकर्स आसानी से किसी का भी डेटा चुरा सकते हैं.


इस दौरान लोगों के पासवर्ड, अकाउंट को 140 रूपये एक दिन और 3 महीने के लिए 4,900 के हिसाब से बेंचा जाता है. यूजर्स यहां क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटक्वाइन, लाइटक्वाइन, डैश, रिप्पल और दूसरी चीजों का इस्तेमाल कर इसे खरीदते हैं.