ट्रैफिक जाम में अब नहीं फंसने देगा गूगल मैप! आया ये बड़ा अपडेट
Google AI : प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट विभिन्न शहरों में वाहनों से उत्सर्जन को कम करने के लिए गूगल की AI तकनीक का उपयोग करेगा.
Google AI : दिल्ली-एनसीआर सहित मुंबई, बेंगलुरू और कोलकाता में ट्रैफिक जाम से लोगों को रोजाना दो चार होना पड़ता है. इस वजह से बहुत से लोग ऑफिस देरी से पहुंचते हैं. वहीं दूसरी और बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए कई घंटे पहले घर छोड़ना पड़ता है. अगर आप या आपका परिवार ऐसी ही किसी समस्या से परेशान है, तो अब आपको इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं हैं, क्योंकि गूगल ने इस समस्या का समाधान ढूंड़ लिया है और इसका कई बड़े शहरों में परीक्षण भी किया जा चुका है.
AI से हल होगी ट्रैफिक समस्या
शाओमी के पूर्व प्रोडक्ट मैनेजर सुदीप साहू का एक ट्वीह हाल ही में बहुत तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि गूगल AI की मदद से बेंगलुरू, कोलकता और हैदराबाद की ट्रैफिक समस्या का हल करने वाला है. अपने ट्वीट में सुदीप साहू ने एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि, गूगल मैप की सहायता से बेंगलुरू में नई ट्रैफिक लाइट लगाई गई है, जिसमें समय और स्थान का चयन करके दो ट्रैफिके लाइट के बीच की दूरी और उनके ग्रीन और रेड होने का टाइम सेट किया गया है.
वीडियो के अनुसार, प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट विभिन्न शहरों में वाहनों से उत्सर्जन को कम करने के लिए गूगल की AI तकनीक का उपयोग करेगा. यह किसी विशेष क्षेत्र में ड्राइविंग के रुझान को ध्यान में रखते हुए, गूगल मैप्स से डाटा का एनालिसिस करके किया जाएगा. एनालिसिस के आधार पर ट्रैफिक लाइट के कॉर्डिनेशन और टाइमिंग को ऑप्टिमाइज किया जाएगा.
क्या है गूगल का प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट?
10 अक्टूबर को एक ब्लॉग पोस्ट में गूगल ने प्रोजेक्ट ग्रीन लाइट की घोषणा की है. गूगल का कहना है कि इसके उपयोग से शहर यातायात प्रवाह में सुधार कर सकते हैं और अपने समग्र उत्सर्जन को कम कर सकते हैं.
ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने कहा, "इस मॉडल के आधार पर, हम एआई-आधारित अनुकूलन विकसित करते हैं और फिर ग्रीन लाइट इंटरफेस के माध्यम से शहर के इंजीनियरों को सिफारिशें प्रदान करते हैं. उदाहरण के तौर पर, हम उन चौराहों के बीच समन्वय करने के अवसर की पहचान कर सकते हैं जो अभी तक सिंक नहीं हुए हैं और ट्रैफिक लाइट के समय के बारे में एक सिफारिश प्रदान कर सकते हैं ताकि यातायात सड़क के विस्तार पर अधिक प्रभावी ढंग से प्रवाहित हो सके." गूगल ने यह भी घोषणा की है कि कुछ शहर पहले से ही इस प्रोजेक्ट में भाग ले रहे हैं.
यह भी पढ़ें :
YouTube पर रोल आउट हुए 36 नए फीचर्स, जानिए कौन-कौन से हैं आपके काम के