100 देशों से भी ज्यादा बिजली खपत करते हैं Google और Microsoft, पढ़ें इसके बुरे प्रभावों की लिस्ट
Google & Microsoft: गूगल और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर 100 देशों की बिजली से भी ज्यादा बिजली की खपत करते हैं. आइए हम आपको इस ख़़बर और इसके बुरे पर्यावरण प्रभावों के बारे में भी बताते हैं.
Google and Microsfot: टेक वर्ल्ड की दो बड़ी कंपनियों ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है, जो पूरी दुनिया के लिए एक खतरे की घंटी भी है. इन दो कंपनियों का नाम गूगल और माइक्रोसॉफ्ट है. इन दोनों टेक कंपनियों ने बिजली खपत करने के मामले में 100 से भी ज्यादा देशों को पार कर दिया है. इसका मतलब है कि गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने मिलकर जितनी बिजली खर्च की है, वो 100 देशों की बिजली खपत से भी ज्यादा है.
बिजली खपत के मामले गूगल और माइक्रोसॉफ्ट का रिकॉर्ड
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा खपत की गई बिजली आइसलैंड, घाना और डोमिनिकन रिपब्लिक जैसे 100 से भी ज्यादा देशों की कुल बिजली खपत से भी ज्यादा है. नई अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों कंपनियों ने 2023 में कुल 24 टेरावॉट-घंटे (TWh) बिजली का खर्च किया है.
Last year, Google and Microsoft data centers consumed more electricity than many countries did.
— Michael Thomas (@curious_founder) July 11, 2024
Wild. pic.twitter.com/YZIahr2wYn
टेक वर्ल्ड की ये दोनों कंपनियां जितनी बिजली खर्च करती है, उतनी ही बिजली अजरबाइजान नाम का एक पूरा देश करता है. हालांकि, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट की कुल कमाई इस देश की जीडीपी से भी ज्यादा है. ऐसे में कई विशेषज्ञों का मानना है कि इन दो कंपनियों द्वारा इतनी बिजली का खपत करना पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
पर्यावरण पर इसका कैसा प्रभाव पड़ता है?
Google और Microsoft के द्वारा इतनी ज्यादा बिजली खपने करने का पर्यावरणीय प्रभाव विशेष रूप से उनके डेटा सेंटर्स और विद्युतीय उपकरणों पर पड़ता है. ये उपकरण ऊर्जा-भारी होते हैं और अधिक बिजली खपते हैं, जिससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है.
कार्बन प्रदूषण: ज्यादा बिजली खपने से ज्यादा एनर्जी प्रोडक्शन की आवश्यकता होती है, जिससे अधिक विद्युतीय उपकरणों का उपयोग होता है, जो कि कार्बन उत्सर्जन को बढ़ाता है और जलवायु पर प्रभाव डालता है.
ऊर्जा संप्रेषण: डेटा सेंटर्स की ऊर्जा संप्रेषण की आवश्यकता होती है, जिससे विद्युतीय उपकरणों को ठंडा रखने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है. यह ऊर्जा उत्सर्जन को बढ़ाता है और वायुमंडलीय गैसों के प्रभाव को बढ़ाता है.
प्राकृतिक संसाधनों की खपत: बिजली उत्पादन के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होने से प्राकृतिक संसाधनों की खपत बढ़ती है, जैसे कि जल, वायु, और खनिज ऊर्जा स्रोत. इन प्रभावों को कम करने के लिए टेक कंपनियों को ऊर्जा संवाहन, ऊर्जा सुरक्षा, और कार्बन न्यूट्रैलिटी की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
दोनों का मार्केट कैप भी कई देशों की जीडीपी से ज्यादा
गूगल की बाजार मूल्य (market cap) $248.3 बिलियन है, जो कि अब 100 से ज्यादा देशों की GDP को पार कर गई है. वहीं, माइक्रोसॉफ्ट की बाजार मूल्य $247.8 बिलियन है, जो दुनिया की वैश्विक शक्तियों जैसे ब्राज़िल, कनाडा, रूस, और दक्षिण कोरिया की GDP से भी ज्यादा है.