शायद आपको पता नहीं होगा, गूगल ने हाल ही में चुपके से अपनी प्राइवेसी पॉलिसी (Google privacy policy) में फेरबदल कर दिया है. यह बदलाव इसलिए आपसे जुड़ा है क्योंकि इसमें आपकी जानकारी कंपनी अपने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी AI को ट्रेंड करने में इस्तेमाल करने वाली है. gizmodo की खबर के मुताबिक, गूगल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कंपनी अपने AI टूल बनाने के लिए आपके द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की जाने वाली हर चीज़ को स्क्रैप करने का अधिकार सुरक्षित रखती है. अगर Google आपके शब्दों को पढ़ सकता है, तो मान लें कि वे अब कंपनी के हैं, और उम्मीद करते हैं कि वे किसी चैटबॉट के अंदर कहीं बसे हुए हैं.
पॉलिसी में क्या कहा गया है
नई प्राइवेसी पॉलिसी कहती है कि गूगल (Google) अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने और नए प्रोडक्ट्स, सुविधाओं और टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए जानकारी का इस्तेमाल करता है जो हमारे यूजर्स और आम लोगों को फायदा पहुंचाते हैं. उदाहरण के लिए, हम Google के AI मॉडल को ट्रेंड करने और गूगल ट्रांसलेट, बार्ड और क्लाउड AI क्षमताओं जैसे प्रोडक्ट्स और सुविधाओं के निर्माण में मदद के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का उपयोग करते हैं.
बदलाव का रहा है इतिहास
गूगल का पहले भी अपनी सेवा की शर्तों में बदलाव का इतिहास रहा है. पहले, Google ने कहा था कि डेटा का उपयोग AI मॉडल के बजाय भाषा मॉडल के लिए किया जाएगा. जहां पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी (Google privacy policy) में सिर्फ गूगल ट्रांसलेट, बार्ड और क्लाउड AI की चर्चा थी, वह अब दिखाई दे रहा है.
यह बदलाव असामान्य है
गूगल (Google) की प्राइवेसी पॉलिसी में यह क्लाउज असामान्य है. आमतौर पर, ये पॉलिसी उन तरीकों को बताती हैं जिनसे कोई व्यवसाय उस जानकारी का उपयोग करता है जिसे आप कंपनी की अपनी सेवाओं पर पोस्ट करते हैं. यहां, ऐसा लगता है कि गूगल सार्वजनिक वेब के किसी भी हिस्से पर पोस्ट किए गए डेटा को इकट्ठा करने और उपयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखता है. gizmodo की खबर के मुताबिक, गूगल ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया.