Is my phone listening to me? अगर हम आपसे कहे कि आपकी कुछ बातों को गूगल रिकॉर्ड करता है तो आप जरूर चिंतित हो जायेंगे. दरअसल, कंपनी आपकी आवाज और आप इंटरनेट पर वॉइस असिस्टेंट के जरिए क्या कुछ सर्च कर रहें हैं इसे अपने सर्वर पर सेव करती है. इसी आधार पर फिर आपको Ads वगैरह दिखाई जाती हैं. यानी एक तरीके से गूगल आपकी हर बातचीत पर नजर बनाए रखता है. ये सब इसलिए होता है क्योंकि इसकी इजाजत आप लोगों ने ही गूगल को दी होती है. आप में से बहुत से लोगों ने एक खास सेटिंग को गूगल में ऑन किया होगा जिसकी वजह से गूगल आपकी लोकेशन के हिसाब से आपको Ads वगैरह दिखता है. जैसे अगर आप किसी ट्रिप पर हैं तो आपको ट्रेवल से जुडी तमाम Ads दिखने लगेंगी. किसी होटल में हैं तो आपको इससे जुडी सर्विस Ads दिखने लगेंगी. अगर आप नहीं चाहते कि गूगल आपकी बातों को सुने और रिकॉर्ड करें इसलिए एक खास सेटिंग को तुरंत अपने गूगल अकाउंट से अनचेक कर दें. 

वेब एंड ऐप एक्टिविटी के अंदर अनचेक करें ये ऑप्शन 


गूगल आपकी बात न सुने इसके लिए सबसे पहले आपको अपने गूगल अकाउंट में जाकर 'मैनेज अकाउंट' के ऑप्शन पर जाना है. यहां आपको डाटा एंड प्राइवेसी का ऑप्शन मिलेगा. इसमें 'वेब एंड ऐप एक्टिविटी' के ऑप्शन पर आकर नीचे स्क्रॉल करें और 'वॉइस एंड ऑडियो एक्टिविटी' को अनचेक कर दें. अगर ये पहले से अनचेक है तो आप सुरक्षित हैं. लेकिन अगर ये ऑप्शन टिक मार्क्ड है तो समझो अभी तक गूगल आपको सुन रहा था और आपकी आवाज को अपने AI टूल को बेहतर बनाने के लिए यूज भी कर रहा था.


वॉइस एंड ऑडियो एक्टिविटी के ऑप्शन को अगर आप डिटेल से समझेंगे तो आपको ये भी पता लगेगा कि आपकी लोकेशन भी गूगल अपने सर्वर में सेव करता है. इस सब की मदद से आपको और बेहतर ब्राउजिंग एक्सपीरियंस दिया जाता है और गूगल अपने AI टूल को आपकी कमांड के हिसाब से प्रशिक्षित कर और फास्ट बनाता है.


ऐप्स में भी इस सेटिंग को कर दें बंद


गूगल के अलावा फोन के ऐप्स में भी माइक्रोफोन के एक्सेस को बंद करके रखें. यदि आप माइक्रोफोन का एक्सेस किसी ऐप को देते हैं तो ये ऐप आपकी आवाज को सुन और रिकॉर्ड कर सकता है. खतरा तब ज्यादा है जब आप फोन में थर्ड पार्टी ऐप्स रखते हैं क्योंकि इन ऐप्स का कोई भरोसा नहीं होता कि ये किस तरह से ऑपरेट हो रहे हैं और इनका सर्वर किधर है और क्या कुछ डाटा रिकॉर्ड हो रहा है. हमारी सलाह यही है कि हमेशा ऐप्स को ट्रस्टेड जगह से डाउनलोड करें और केवल उन्हीं चीजों का एक्सेस ऐप को दें जिसकी इसे जरूरत है. यानि सब पर टिक न करें. काम हो जाने के बाद एक्सेस को तुरंत हटा दें. बेकार में किसी भी ऐप को अपनी बैंकिंग डिटेल्स, गैलरी, डॉक्यूमेंट आदि का एक्सेस भी न दें. इस डिजिटल युग में कुछ भी कहीं से भी किया जा सकता है. सुरक्षित रहने के लिए बस एक यही तरीका है कि आप सूझबूझ के साथ हर सेटिंग को चेक या ऑफ करें. 


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