Indian Apps: गूगल प्ले स्टोर पर वापस आए भारतीय एप, सरकार से वार्ता के बाद टेक कंपनी का बदला रुख
Google Play Store: गूगल और भारतीय स्टार्टअप के बीच पिछले कुछ समय से बिलिंग को लेकर जंग छिड़ी हुई है. इसमें भारत सरकार से वार्ता के बाद गूगल ने भारतीय स्टार्टअप को कुछ समय के लिए राहत दे दी है.
Google Play Store: गूगल ने आखिरकार भारत सरकार के आगे झुकते हुए प्ले स्टोर से बाहर किए गए भारतीय स्टार्टअप एप को आंशिक राहत देते हुए दोबारा से जगह दी गई है. गूगल ने मंगलवार को बताया कि मैट्रीमोनी, शादी डॉट कॉम और इंफो एज जैसी कंपनियों को दोबारा से प्ले स्टोर (Google Play Store) पर लिस्ट कर दिया गया है. आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने भी इस निर्णय की जानकारी दी है. अश्विनी वैष्णव, गूगल और प्रभावित कंपनियों के बीच इस संबंध में कई दौर की वार्ता हुई थी.
अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
आईटी एवं टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फिलहाल भारतीय कंपनियों को गूगल की तरफ से राहत दी गई है. पेमेंट को लेकर चल रहे विवाद का हल जल्द ही निकाला जाएगा. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस मसले का लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन हम जल्द प्रस्तुत करेंगे. एप को वापस प्ले स्टोर पर लाने का ऐलान करते हुए गूगल ने बताया कि हम लोकल कंपनियों के साथ हैं. यह कंपनियां गूगल प्ले स्टोर पर पहले की तरह काम करती रहेंगी. यह कंज्यूमर्स को इन एप बिलिंग ऑप्शन दे सकेंगी. हालांकि, गूगल पूरी सर्विस फीस लगाती रहेगी. इन कंपनियों के लिए पेमेंट टाइमलाइन बढ़ा दी गई है.
30 फीसदी तक फीस वसूलती है गूगल
फिलहाल गूगल इन एप परचेज और सब्सक्रिप्शन के लिए 15 से 30 फीसदी फीस वसूल रही है. यदि एप डेवलपर थर्ड पार्टी बिलिंग ऑप्शन को चुनते हैं तो गूगल उनसे 11 से 26 फीसदी सर्विस फीस लेती है. ऐसी कंपनियों को 4 फीसदी छूट दी जाती है. गूगल प्रवक्ता ने कहा कि हम भारतीय कंपनियों का सहयोग करना चाहते हैं. मगर, हमारा अपना बिजनेस मॉडल है. इसे विभिन्न कोर्ट से मंजूरी भी मिली है. इसलिए हम इसे लागू कर रहे हैं.
बिलिंग के मसले को लेकर छिड़ी हुई है जंग
पिछले कुछ दिनों से गूगल और भारतीय स्टार्टअप के बीच बिलिंग के मसले को लेकर जंग छिड़ी हुई है. 1 मार्च को गूगल ने 100 से ज्यादा डिजिटल कंपनियों के एप प्ले स्टोर से डीलिस्ट कर दिए थे. इनमें भारत मेट्रीमोनी, इंफो एज (Naukri, 99acres, and Jeevansathi), शादी डॉट कॉम और कुकू एफएम शामिल थे. यह सभी गूगल की एप बिलिंग पालिसी को स्वीकार नहीं कर रहे थे.
ये भी पढ़ें
Paytm Crisis: विजय शेखर शर्मा ने आखिरकार तोड़ी चुप्पी, बोले पेटीएम को एशिया का लीडर बनाएंगे