Google Chrome : टेक जाइंट गूगल ने क्रोम ब्राउजर में थर्ड पार्टी कुकीज को रखने का फैसला लिया है. कंपनी के मुताबिक वो क्रोम में ऐसा फीचर ऐड करेंगे जिसकी मदद से यूजर को ब्राउजिंग के समय एक सूचित ऑप्शन देगा. इसके साथ ही में उस ऑप्शन को यूजर किसी भी समय एडजस्ट कर सकेगा. गूगल के इस फैसले से यूजर हैरान हैं. क्योंकि गूगल काफी समय से क्रोम से कुकीज को हटाने की योजना पर काम कर रहा था. यही नहीं 2019 से अल्फाबेट यूनिट प्राइवेसी सैंडबॉक्स पहल पर काम कर रही है जिसका मुख्य लक्ष्य थर्ड-पार्टी कुकीज को चरणबद्ध तरीके से खत्म करना है.
गूगल ने क्यों लिया ये फैसला
जानकारी के मुताबिक विज्ञापनदाताओं को क्रोम से कुकीज के हटाए जाने से काफी नुकसान होता. जिसका असर गूगल पर भी पड़ता क्योंकि विज्ञापन के जरिए ही गूगल को सबसे ज्यादा कमाई होती है. कंपनी का कहना है कि क्रोम से कुकीज को हटा देने से विज्ञापनों को पर्सनलाइज्ड ऐड से जानकारी हासिल करने में परेशानी आएगी, जिसकी वजह से ये सब गूगल के यूजर डेटाबेस पर निर्भर हो जाएंगे. ब्रिटेन में मार्केट अथॉरिटी डिजिटल विज्ञापन में प्रतिस्पर्धा बाधित
होने के डर से गूगल की योजना की जांच कर चुका है.
इसके अलावा यूरोपीय संघ में GDPR(General Data Protection Regulation)के अंडर कुकीज का यूज किया जाता है. ये रेगयुलेशन इस बात को निर्धारित करता है कि पब्लिशर यूजर की इजाजत के बिना कुकीज संग्रहीत न करें. इसके साथ में प्रमुख ब्राउजर कमांड पर कुकीज़ को हटाने का ऑप्शन भी दिया हुआ होता है.
क्या होती है कुकीज
कुकी छोटी टेक्स्ट फ़ाइल होती हैं. जब कोई व्यक्ति किसी वेबसाइट पर जाता है, तो वह वेबसाइट उस व्यक्ति के ब्राउज़र को कुकी भेजती है. कुकीज की मदद से, वेबसाइट आपके आने-जाने की जानकारी को याद रख पाती है. इससे, आपके लिए अगली बार उस वेबसाइट को इस्तेमाल करना आसान हो सकता है और वह आपके लिए ज्यादा मददगार बन सकती है.
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